इसरो अध्यक्ष के. सिवन ने शनिवार को कहा कि भारत का चंद्र अभियान ‘चंद्रयान-2’ सोच समझकर लिया गया जोखिम है क्योंकि ऐसे 50 फीसद प्रक्षेपण असफल ही हुए हैं। उन्होंने कहा कि ‘चंद्रयान-2’ चंद्रमा पर ऐसे स्थान पर लैंड करेगा जहां अभी तक कोई देश नहीं पहुंचा है।
संगारेड्डी जिले के रुद्रराम में जीआइटीएम डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी के नौवें दीक्षांत समारोह में बोलते हुए सिवन ने कहा कि चंद्रमा पर ‘चंद्रयान-2’ 70 डिग्री अक्षांश से ऊपर लैंड करेगा। उन्होंने बताया कि भारत 2019 के मध्य में स्मॉल सेटेलाइट लांच व्हीकल (एसएसएलवी) का पहला प्रक्षेपण करेगा। यह दुनिया का सबसे सस्ता लांच व्हीकल होगा। इसके डिजायन में काफी नवाचार किया गया है ताकि इसे 70 दिनों की बजाय 72 घंटों में असेंबल किया जा सके। लैपटॉप के साथ सिर्फ छह लोग इसे असेंबल कर सकते हैं।
2019 के अंत तक होगी 100 जीबीपीएस की इंटरनेट स्पीड
इसरो अध्यक्ष ने कहा कि सबसे ज्यादा इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले देशों में भारत का स्थान विश्व में दूसरा है, लेकिन ब्रॉडबैंड स्पीड के मामले में भारत का स्थान दुनिया में 76वां है। उन्होंने बताया कि 2019 के अंत तक जीसैट-11, जीसैट-29 और जीसैट-20 को प्रक्षेपित किया जाएगा और उसके बाद देश में इंटरनेट की स्पीड 100 जीबीपीएस से अधिक हो जाएगी।
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