किसी भी भवन में खिड़कियों का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान होता है। भवन की खिड़कियां, भवन के भीतर ऊर्जा को, प्रकाश को अंदर लाती हैं। वास्तु के अनुसार खिड़कियों की स्थिति का भी हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है।

गलत दिशा में खिड़कियाँ होने से भवन में रहने वाले निवासियों को उसके अशुभ प्रभावों का सामना करना पड़ सकता हैं। इसलिए इनका वास्तु अनुरूप ही होना चाहिए जिससे भवन में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का ही आगमन हो।
खिड़कियों की संख्या सम हो किंतु दस के गुणक में जैसे- 10, 20, 30 या 40 न हो।किसी कमरे की किसी एक दीवार में जहां तक हो सके एक से अधिक खिड़कियां न रखें।
कमरे की साइज के अनुपात में खिड़की बड़ी ही बनवाएं।
अधिक ऑक्सीजन एवं ताजा हवा के लिए अपेक्षित है कि प्रत्येक लिविंग रूम में कम से कम दो खिड़कियां व दो रोशनदान अवश्य हों।
खिड़कियां ऊंचे स्थानों पर हों ताकि शुद्ध हवा आसानी से घर में प्रवेश कर सके और अशुद्ध हवा दूसरी खिड़की से बाहर निकल सकें।
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