गरीबी के कारण स्कूल छोड़ चुकीं या शिक्षा से वंचित रह जाने वाली बच्चियों को सुशिक्षित बना उनका जीवन संवारने का प्रेरक कार्य अनवर खान गत 18 वर्ष से कर रहे हैं। पेशे से शिक्षक अनवर ने व्यक्तिगत योगदान कर ऐसी 350 बच्चियों को सुशिक्षित बनाया है। उनका प्रयास अनवरत जारी है। अब तो पत्नी भी इस काम में हाथ बंटाती हैं।
अनवर खान 1990 में ब्यावरा (राजगढ़) से इंदौर आकर गरीब बस्ती विजय पैलेस पहुंचे। यहां एक निजी स्कूल में प्राचार्य के तौर पर नौकरी शुरू की। लेकिन नौकरी से इतर एक समर्पित शिक्षक के रूप में उनके दायित्व बोध ने उन्हें अपनी भूमिका और प्रयास को विस्तार देने के लिए प्रेरित किया। दायरा बढ़ा तो इसमें गरीब बस्तियों से आने वाले बच्चों को अलग से पढ़ाना भी एक लक्ष्य बन गया।