दिल्ली हाई कोर्ट ने विमानन कंपनी गो फर्स्ट को किराये पर विमान देने वाली कंपनियों को शुक्रवार को अपने विमान वापस लेने की अनुमति दे दी। गो फर्स्ट के पास विदेशी कंपनियों के करीब 54 विमान हैं। पिछले वर्ष मई में दिवालिया प्रक्रिया के लिए आवेदन करते समय गो फर्स्ट ने किराये पर विमान देने वाली कंपनियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था।
दिल्ली हाई कोर्ट ने विमानन कंपनी गो फर्स्ट को किराये पर विमान देने वाली कंपनियों को शुक्रवार को अपने विमान वापस लेने की अनुमति दे दी। गो फर्स्ट के पास विदेशी कंपनियों के करीब 54 विमान हैं। पिछले वर्ष मई में दिवालिया प्रक्रिया के लिए आवेदन करते समय गो फर्स्ट ने किराये पर विमान देने वाली कंपनियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था।
हाईकोर्ट ने दिया ये आदेश
गो फर्स्ट के पास जिन कंपनियों के विमान हैं, उनमें दुबई एयरोस्पेस एंटरप्राइजेज कैपिटल, एसीजी एयरक्राफ्ट और अन्य शामिल हैं। हाईकोर्ट ने एविएशन रेगुलेटर को पांच दिन में इन विमानों को गैर-पंजीकृत करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने गो फर्स्ट के इनमें से किसी भी विमान में प्रवेश करने, पहुंचने या किसी भी तरीके से संचालन या उड़ान भरने पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने पिछले वर्ष अक्टूबर में दिवालिया कानूनों में बदलाव किया था। इनमें किराये पर विमान देने वाली कंपनियों की किसी भी संपत्ति को दिवालिया प्रक्रिया के दौरान फ्रीज करने की छूट दी गई थी।