राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने गुर्जर आंदोलन के दौरान हुई हिंसा को लेकर दर्ज मुकदमें वापस लेने का फैसला लिया है.

राजस्थान सरकार ने आदेश जारी किया कि गुर्जर आंदोलन के दौरान गुर्जरों पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और हिंसा करने के जो भी मुकदमें दर्ज किए गए हैं, उसे तत्काल प्रभाव से खत्म करने की प्रक्रिया शुरू की जाए.
गुर्जर आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मामले की जांच राजस्थान की सीआईडी शाखा कर रही थी. इसको लेकर जिला स्तर पर दौसा, भरतपुर, अजमेर, सीकर, बूंदी, सवाई माधोपुर, अलवर, झुंझुनूं, टोंक और जयपुर ग्रामीण पुलिस को खत लिखा गया है.
इस आदेश में कहा गया है कि तमाम मामलों की सूची जयपुर से भेजी जा रही है, जिसमें मुकदमें से संबंधित लोगों के फोन नंबर भी हैं. गुर्जर प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोगों से जिला स्तर पर बैठक कर गुर्जर आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मुकदमें के निस्तारण की कार्रवाई की जाए.
आपको बता दें कि इन जिलों में गुर्जर आंदोलन के दौरान 100 से ज्यादा मुकदमें सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, हिंसा करने, कानून को हाथ में लेने और सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने को लेकर दर्ज किए गए थे.
गुर्जर आंदोलन संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के खिलाफ वसुंधरा सरकार के दौरान राजद्रोह का मामला भी दर्ज किया गया था.
गहलोत सरकार ने गुर्जरों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को उस समय वापस लेने का फैसला लिया है, जब राजस्थान समेत पूरे देश में कोरोना वायरस का कहर जारी है.
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal