गुजरात में रिवर लिंक परियोजना के खिलाफ सड़क पर उतरे आदिवासी

दक्षिण गुजरात के आदिवासी राज्य की तीन प्रमुख नदियों पार तापी व नर्मदा को जोड़कर बनाई गई रिवर लिंक परियोजना के खिलाफ एक बार फिर सड़कों पर उतरे। कांग्रेस के आदिवासी समुदाय के विधायकों के आह्वान पर वलसाड के धरमपुर में कई जिलों के आदिवासी एकत्र हुए और बिरसा मुंडा चौक पर केंद्र व राज्य सरकार से इस योजना को बंद करने के संबंध में श्वेतपत्र जारी करने की मांग की।

दक्षिण गुजरात के आदिवासी राज्य की तीन प्रमुख नदियों पार, तापी व नर्मदा को जोड़कर बनाई गई रिवर लिंक परियोजना के खिलाफ एक बार फिर सड़कों पर उतरे।

कांग्रेस के आदिवासी समुदाय के विधायकों के आह्वान पर वलसाड के धरमपुर में कई जिलों के आदिवासी एकत्र हुए और बिरसा मुंडा चौक पर केंद्र व राज्य सरकार से इस योजना को बंद करने के संबंध में श्वेतपत्र जारी करने की मांग की।

मनमोहन सिंह के कार्यकाल में यह परियोजना बनी थी
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में यह परियोजना बनी थी, लेकिन अब यह भाजपा के गले पड़ गई है। इस संबंध में भाजपा सांसद की ओर से राज्यसभा में एक प्रश्न पूछा गया।

इसके चलते आदिवासी भड़क गए। जबकि गुजरात सरकार ने 2022 में ही इस परियोजना को स्थगित करने का निर्णय किया था। राज्य के कैबिनेट मंत्री ऋषीकेश पटेल ने कहा कि इस परियोजना को स्थगित रखने के निर्णय पर गुजरात सरकार आज भी अडिग है।

श्वेतपत्र जारी करने की मांग की
विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता तुषार चौधरी एवं विधायक अनंत पटेल ने स्वतंत्रता दिवस के ठीक एक दिन पहले वलसाड के धरमपुर में आदिवासी रैली का आयोजन कर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से इस परियोजना को स्थगित करने के संबंध में श्वेतपत्र जारी करने की मांग की।

रैली में बड़ी संख्या में आदिवासी महिला व पुरुष एकत्र हुए
रैली में बड़ी संख्या में आदिवासी महिला व पुरुष एकत्र हुए। गुजरात के करीब एक दर्जन जिलों में आदिवासी समुदाय बसता है। वह अपने क्षेत्र व परंपराओं को लेकर आज भी वह काफी सख्त है।

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