वाराणसी की गायिका से दुष्कर्म के मामले में बाहुबली और पूर्व विधायक विजय मिश्र शनिवार को सजा सुनाए जाने के दौरान अदालत में हाथ जोड़े खड़ा रहा। इस दौरान उसने कहा- जज साहब, मुझे शुगर और बीपी समेत 25 बीमारियां हैं। मेरी उम्र भी 70 साल से अधिक हो गई है। ऐसे में अधिक सजा न दी जाए।
यह कहकर बाहुबली और पूर्व विधायक विजय मिश्र जज के सामने गिड़गिड़ाने लगा। हालांकि अदालत ने इसे अनसुना कर दिया। अदालत ने अपराध को गंभीर प्रवृत्ति का बताया और सजा का एलान कर दिया।
वाराणसी की एक गायिका से दुष्कर्म के मामले में आगरा जेल से आया पूर्व विधायक विजय मिश्र एमपीएमलए कोर्ट में हाथ जोड़े खड़ा रहा। अदालत से कम सजा देने की गुहार लगाता रहा। इससे पहले, सुबह 11 बजे से करीब तीन बजे तक चली सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं ने अपना-अपना पक्ष रखा।
पूर्व विधायक के अधिवक्ताओं ने जनहित से जुड़े काम बताए और कहा कि उसने अपने कार्यकाल में अनेकों विद्यालय एवं कॉलेज खुलवाए। कई कन्याओं की शादियां कराई। आर्थिक सहायता भी दी। ज्ञानपुर विधानसभा के क्षेत्र में कई पक्की सड़कें भी बनवाई हैं। इसलिए कम से कम सजा दी जाए।
सजा सुनाने के दौरान अदालत की सुरक्षा सख्त रही। बाहुबली पूर्व विधायक को अदालत में पेश किया गया, फिर कड़ी सुरक्षा के बीच जेल भेजा गया। अदालत परिसर में आने-जाने वाले हर व्यक्ति का पहचान पत्र देखा गया।
वाराणसी की एक गायिका ने पूर्व विधायक, उसके बेटे विष्णु मिश्रा, नाती विकास मिश्रा के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया। आरोप लगाया था कि पूर्व विधायक ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। वाराणसी के जैतपुरा थानाक्षेत्र की रहने वाली महिला ने इस मामले में वर्ष 2020 में मुकदमा दर्ज कराया था।
पुलिस ने विवेचना के बाद आरोप पत्र दाखिल किया था। अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद गत शुक्रवार (3 नवंबर 2023) को पूर्व विधायक को दोषी करार दिया था, जबकि उसके बेटे विष्णु मिश्रा और नाती विकास मिश्रा को दोषमुक्त कर दिया। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विनय बिंद और दिनेश पांडेय ने बताया कि पूर्व विधायक को अपने किए की सजा मिली है।
बाहुबली विजय मिश्र को 15 साल की सजा
आपको बता दें कि वाराणसी की गायिका से दुष्कर्म मामले में दोषी निषाद पार्टी के पूर्व विधायक और बाहुबली विजय मिश्र को 15 साल की कठोर करावास की सजा सुनाई गई है। 1.10 लाख जुर्माना भी लगाया गया है। सजा सुनाने के दौरान अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एमपी/एमएलए कोर्ट) सुबोध सिंह की अदालत ने तल्ख टिप्पणी की है।
अदालत ने कहा कि दोषी विजय मिश्र बीस वर्ष (चार बार चुनाव जीता) तक ज्ञानपुर क्षेत्र से विधायक रहा है। न्यायालय का मानना है कि एक लोक प्रतिनिधि द्वारा दुष्कर्म जैसा अपराध करना गंभीर है। यह ऐसा कृत्य है, जिससे आम जनमानस का लोक प्रतिनिधियों में विश्वास टूट जाता है।
जिस व्यक्ति को जनता अपना प्रतिनिधि चुनकर विधानसभा या लोकसभा भेजती है, उसके द्वारा ही जनता की किसी महिला के साथ ऐसा अपराध किया जाना, आम जनता के साथ विश्वासघात किए जाने से कम नहीं है। भरोसा तोड़ने जैसा है।
बाहुबली पूर्व विधायक को कड़ी सुरक्षा के बीच शनिवार को अदालत में पेश किया गया। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एमपी/एमएलए कोर्ट) सुबोध सिंह की अदालत दोपहर बाद बैठी और सजा का एलान कर दिया। जिस मामले में विजय मिश्र को सजा हुई है, वह 2020 में दर्ज हुआ था। पुलिस ने विवेचना करके आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर दिया था।
अदालत ने तीन वर्ष में ही सजा सुना दी। सजा सुनाते वक्त अदालत ने कहा दोषी विजय मिश्र कोई साधारण व्यक्ति नहीं है। ज्ञानपुर क्षेत्र से चार बार विधायक रहा है। उसने एक ही पीड़िता से तीन बार दुष्कर्म का अपराध किया है। असाधारण व्यक्ति ने साधारण महिला को अपनी हवस का शिकार बनाया।
दोषी का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है। दो मामलों में दूसरी अदालतें सजा सुना चुकी हैं। अब तीसरे मामले में अब तक की सबसे बड़ी सजा मिली है। इससे पहले अलग-अलग अदालतों ने ढाई और पांच साल की सजा सुनाई थी।