कर्नाटक पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने सोनिया गांधी को एक भावुक चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी में सिद्धारमैया ने कांग्रेस की पुरानी रवायत और राजनीति की याद दिलाई है. सिद्धारमैया ने कहा कि पार्टी के कुछ नेताओं की ओर से जारी किए गए पत्र को लेकर वे अपनी व्यक्तिगत राय रखना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि यह कोई पहली बार नहीं है जब कांग्रेस मुश्किल वक्त का सामना कर रही है. लेकिन हर वक्त पार्टी इससे उबर कर सामने आई है.
सिद्धारमैया ने कहा कि हमें याद रखना चाहिए कि जब-जब मुश्किल वक्त आया, तब-तब गांधी परिवार ने पार्टी को एकजुट किया. गांधी परिवार का योगदान सभी भारतीयों और कांग्रेसियों को याद रखना चाहिए. 1977 में जब कांग्रेस और इंदिरा गांधी की हार हुई तब भी पार्टी के सामने मुश्किल वक्त था लेकिन इंदिरा गांधी ने बाद में पार्टी को जीत दिलाई और मुश्किलों को दूर किया. राजीव गांधी के निधन के बाद पार्टी में बड़ा खालीपन आया और आपने पार्टी संभालने का जिम्मा लिया. आपके सामने पति खोने का अपार दुख था और दो बच्चों का लालन-पालन करने का जिम्मा, लेकिन आपने उसे भी निभाया.
सिद्धारमैया ने कहा, हमें यह भी पता है कि 1998 से 2004 के बीच कितनी मुश्किलें सह कर आपने पार्टी को पुनर्जीवित किया. 2004 में जब किसी नेता को कांग्रेस में भरोसा नहीं था, तब आपने पार्टी को जीत दिलाई. आप उस वक्त प्रधानमंत्री पद की दावेदार थीं लेकिन आपने उसे ठुकरा दिया. कांग्रेस आज भी उसी स्थिति में है जिसमें 1977 और 1998 में थी. सिर्फ पार्टी ही नहीं बल्कि पूरा देश मुश्किल में है. भारत में अघोषित आपातकाल है और और लोकतंत्र पर बीजेपी सरकार की ओर से हमले हो रहे हैं. ऐसी मुश्किल घड़ी में कांग्रेस जैसी विपक्षी पार्टी की जरूरत है ताकि संविधान की रक्षा हो सके और लोगों की आवाज बुलंद की जा सके.
कांग्रेस नेता ने लिखा, ऐसा तभी संभव है जब गांधी परिवार कांग्रेस का नेतृत्व करे. यह विचार पार्टी के सभी नेताओं, समर्थकों और कार्यकर्ताओं के हैं. इसलिए जरूरी है कि पार्टी की कमान गांधी परिवार ही संभाले रखे. मैं आपसे आग्रह करता हूं कि कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष पद पर आप बने रहें. अगर आपको लगता है कि आपकी तबीयत इसकी इजाजत नहीं देती तो राहुल गांधी को यह पद दे दें.