छत्तीसगढ़, उड़ीसा और महाराष्ट्र की तीनों बॉर्डर से घिरे गढ़चिरौली में पुलिस ने एक बड़ा नक्सली ऑपरेशन चलाया है जिसमें अब तक 14 नक्सलियों को मार गिराया है. बड़ी खबर जो मिल रही है कि इस हमले के बाद नक्सलियों के बड़े नेता साईनाथ और सिनू भी मारे गए है. सूत्रों के अनुसार ये माना जा रहा है कि इस इलाके में अब नक्सलियों को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है. 
गौरतलब है कि गढ़चिरौली जिले के इटापल्ली के बोरीया वन क्षेत्र में महाराष्ट्र पुलिस के साथ मुठभेड़ में ये नक्सली ढेर हुए हैं. गढ़चिरौली में सुरक्षाबलों के जवान ही नहीं, बल्कि स्थानीय नागरिक भी नक्सलियों के निशाने पर रहते हैं. पिछले साल अप्रैल में सुकमा में नक्सलियों ने घात लगाकर सीआरपीएफ जवानों पर भी हमला किया था. इसमें 25 जवानों की मौत हो गई थी.
1967 में पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी की जगह से नक्सलवाद की शुरुआत हुई थी, कहा जाता है कि भूमि मालिकों और पूंजीपतियों के द्वारा किसानों की जमीने छीनी गई थी जिसके बाद अपनी जमीनों को बचाने के लिए वहाँ के किसानों एक आंदोलन छेड़ा बस यही से नक्सलवाद की शुरुआत हुई है. उस समय नक्सलवाद के जनक के तौर पर चारु मजूमदार को माना जाता है.
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