खेलो इंडिया के सहारे पैरा खिलाड़ियों को दी जाएगी पहचान

भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के उत्तरी क्षेत्रीय केंद्र, बहालगढ़ की कार्यकारी निदेशक ललिता शर्मा ने कहा कि पहले खेलो इंडिया पैरा गेम्स से छुपी प्रतिभाओं को नई पहचान दी जाएगी। दिल्ली में 10-17 दिसंबर तक होने वाले खेल से पैरा गेम्स में बेहतरीन परिवर्तन आ सकेंगे। गेम्स में 1400 पैरा खिलाड़ी भाग लेंगे। वह शुक्रवार को साई सेंटर में खेलो इंडिया पैरा गेम्स को लेकर आयोजित प्रचार कार्यक्रम में संबोधित कर रही थीं।

उन्होंने कहा कि भारतीय पैरा खिलाड़ियों ने 12 साल में एशियन पैरा गेम्स में पदकों की संख्या में दस गुना इजाफा किया है। 12 साल पहले पैरा एशियन गेम्स में 11 पदक मिले थे जो इस वर्ष बढ़कर 111 तक पहुंच गई है। उन्हें उम्मीद है कि अब खेलो इंडिया के बाद कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी मिलेंगे।

इस मौके पर ओलंपियन सुमित आंतिल, ओलंपियन अमित सरोहा, एशियन पैरा गेम्स के पदक विजेता धर्मबीर नैन, सुनील फोगाट, हनी सिंह, द्रोणाचार्य एवं अर्जुन अवॉर्डी तथा भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान व प्रशिक्षक प्रीतम सिवाच, द्रोणाचार्य अवॉर्डी ओम प्रकाश दहिया, अखिल भारतीय तीरंदाजी संघ के संयुक्त सचिव डॉ. हुसैनी, तीरंदाजी संघ के रविशंकर, साई सोनीपत की सहायक निदेशक मीता भारद्वाज, साई के सहायक निदेशक बाबूराम रावल व प्रत्यक्ष जैन आदि मौजूद रहे।

खेलो इंडिया पैरा गेम्स में सात खेलों को शामिल किया
ललिता शर्मा ने बताया कि पहले खेलो इंडिया पैरा गेम्स में सात खेल शामिल किए गए हैं। इनमें एथलेटिक्स, बैडमिंटन, पावर लिफ्टिंग, तीरंदाजी, फुटबॉल, टेबल टेनिस व शूटिंग शामिल हैं। प्रतियोगिता के दौरान पैरा खिलाड़ियों का 3200 से अधिक सपोर्टिंग स्टाफ भी मौजूद रहेगा।

भारतीय प्रशिक्षण सबसे उत्कृष्ट : सुमित आंतिल
भाला फेंक में टोक्यो पैरा ओलंपिक में स्वर्ण, पैरा एशियन गेम्स में स्वर्ण और विश्व चैंपियन गांव खेवड़ा के सुमित आंतिल ने बताया कि पैरा खेलों की तैयारी के लिए भारतीय प्रशिक्षण सबसे बेहतर है। इसके चलते वह देश में अभ्यास करना पसंद करते हैं। उन्होंने बताया कि पांच साल पहले उन्होंने फिनलैंड में अभ्यास किया था। महज ठंडे मौसम को छोड़ दें तो उन्हें कोई अन्य अंतर नहीं लगा। उसके बाद से वह साई, सोनीपत में अभ्यास कर रहे हैं। सुविधाओं के साथ बढ़ा खिलाड़ियों को प्रदर्शन : अमित सरोहा

पैरा ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले व एशियन पैरा गेम्स में देश को पांच पदक दिला चुके एथलीट अमित सरोहा ने बताया कि वर्ष 2009 में जब उन्होंने पैरा गेम्स में भाग लेने शुरू किया था तब खिलाड़ियों के पास नाममात्र की सुविधा होती थी। ऐसे में आगे बढ़ते के लिए काफी संघर्ष किया। वर्तमान दौर में खिलाड़ियों को सरकार की लगातार उत्कृष्ट सुविधाएं मिल रही हैं। इसका परिणाम है कि इस बार पैरा खिलाड़ी एशियन गेम्स में 111 पदक जीते।

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