हाई-स्पीड ट्रेन का सपना देख रहे भारत में बुलेट ट्रेन से भी तेज स्पीड की ट्रेन दौड़ सकती है। चीन, जापान में चलने वाली बुलेट ट्रेनों से भी तेज होगी भारत में चलने वाली हाइपरलूप ट्रेन। हाइपरलूप ट्रांसपोर्ट के ट्रायल के मामले में भारत तमाम बड़े देशों से आगे नि
खबरों के मुताबिक हाइपरलूप ट्रांसपोर्टेशन टेक्नॉलजीज के को-फाउंडर बिबॉप ग्रेस्टा ने ब्लूमबर्ग क्विंट को बताया है कि उनकी कंपनी ने नितिन गडकरी के समक्ष इस प्रोजेक्ट को पेश किया है। अब उनकी कंपनी परिवहन मंत्री गडकरी की प्रतिक्रिया की इंतजार कर रही है। ग्रेस्टा ने कहा कि, “मैंने हाल ही में नितिन गडकरी से मुलाकात की थी और कई दौर की बात के बाद हमने उनके सामने प्रस्ताव पेश किया है। करार होने के बाद हम जल्दी ही भारत में इसकी फिजिबिलिटी स्टडी शुरू कर देंगे।
कंपनी के को-फाउंडडर का कहना है कि 38 महीनों के अंदर हाइपरलूप ट्रेन तैयार कर सकते हैं। ग्रेस्टा ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार भारत में हाईस्पीड बुलेट ट्रेनों के संचालन के बारे में विचार कर रही है। हाइपरलूप उससे सस्ता विकल्प साबित होगा।
बुलेट ट्रेन के लिए 1 किलोमीटर का रेल नेटवर्क बनाने में 100 मिलियन डॉलर यानी करीब 674 करोड़ रुपये की लागत आएगी, जबकि 1 किमी का हाइपरलूप नेटवर्क 40 मिलियन डॉलर यानी करीब 269 करोड़ रुपये में ही तैयार हो जाएगा।
इन ट्रेनों से 1120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से मुंबई से पूणे का सफर महज 25 मिनट में पूरा किया जा सकेगा। इस आइडिया पर पहली बार टेस्ला मोटर्स और स्पेस एक्स के फाउंडर एलन मस्क ने 2013 में काम शुरू किया था।
सऊदी अरब, स्लोवाकिया, चिली, स्पेन और फ्रांस समेत 20 देशों से हाइपरलूप ट्रेन चलाने के बारे में बातचीत चल रही है।