वैष्णो देवी यात्रा शुरू कराने के लिए श्राइन बोर्ड ने तैयारी शुरू कर दी है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को बरकरार रखते हुए यात्रा कैसे शुरू कराई जाए इस पर लगातार मंथन हो रहा है। इसके तहत इस बात पर भी जोर दिया जा रहा है कि पहले चरण में सिर्फ स्थानीय और पैदल यात्रियों को ही दर्शन करने का मौका दिया जाए।
केंद्र सरकार ने आठ जून से सभी धार्मिक स्थलों को खोलने की घोषणा की है। ऐसे में इस बात की संभावना अधिक है कि वैष्णो देवी यात्रा मध्य जून से शुरू की जा सकती है। हालांकि इस पर आधिकारिक फैसला श्राइन बोर्ड के चेयरमैन उप राज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू ही करेंगे।
श्राइन बोर्ड ने इस महीने के शुरू में ही यात्रा शुरू करने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं। श्राइन बोर्ड के सभी स्टाफ को ड्यूटी पर बुला लिया गया है।
सामाजिक दूरी के साथ यात्रा शुरू करने को लेकर प्रमुख स्थानों पर निशान बनाने और सैनिटाइजिंग टनल बनाने का काम जारी है। यात्रा के प्रमुख द्वारों पर थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही भक्तों को आगे बढ़ने की अनुमति मिलेगी।
सूत्रों के अनुसार, यात्रियों की संख्या निर्धारित रहेगी तथा सामान्य अंतराल के साथ भक्तों को बाणगंगा से जाने की अनुमति मिलेगी। भवन मार्ग पर स्थित विभिन्न व्यू प्वाइंट पर सामाजिक दूरी के लिए काम जारी है।
ताराकोट मार्ग, प्राचीन मार्ग व अर्द्धकुंवारी-भवन मार्ग पर साफ-सफाई भी की जा रही है। यात्रा के लिए आनलाइन पंजीकरण की सुविधा रहेगी।
भवन में सुबह व शाम को होने वाली अटका आरती में शुरुआत में भक्तों को शामिल होने का मौका नहीं मिल पाएगा। हालात की समीक्षा के बाद ही इस पर निर्णय लिया जाएगा। हालांकि भक्त मटका आरती का सीधा प्रसारण देख सकेंगे।
प्रथम चरण में भक्तों को हेलिकॉप्टर सेवा से वंचित रहना पड़ सकता है। मार्च के अंत में हेलिकॉप्टर सेवा को लेकर टेंडर होने थे लेकिन यात्रा बंद होने के कारण यह टेंडर तीन दिन पहले ही खोले गए।
नए टेंडर के तहत फिर से ग्लोवल विक्टा व हिमालयन हेली ही सुुविधा मुहैया करवाएंगे। नए टेंडर अनुसार भक्तों को प्रति व्यक्ति अब एक तरफ से 1730 रुपये भुगतान करने होंगे। पहले यह राशि 1045 रुपये थी। इस सेवा को शुरू करने के लिए अभी डीजी सिविल एविएशन से अनुमति मिलनी बाकी है।