खाड़ी क्षेत्र में ईरान और ब्रिटेन में तनाव के बीच ब्रिटेश ने अपनी रक्षा नीति में किया बड़ा बदलाव

खाड़ी क्षेत्र में ईरान और ब्रिटेन में बढ़ते तनाव के बीच ब्रिटेश ने अपनी रक्षा नीति में एक बड़ा बदलाव किया है। ब्रिटेन की नई रक्षा नीति के अनुसार, स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज के रास्ते आने वाले सभी ब्रिटिश ध्वजवाहक जहाजों को ब्रिटिश नौसेना के युद्धपोत की सुरक्षा दी जाएगी।

ईरान और ब्रिटेन के बीच तनाव तब से बढ़ गया है, जब ईरान ने शुक्रवार को स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज में 24 भारतीयों सहित एक ब्रिटिश ध्वजवाहक टैंकर जिसका नाम स्टेना इम्पो और उसके 23 चालक दल के सदस्यों को जब्त कर लिया था। सीरिया पर यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों का उल्लंघन करने के आरोपी, जिब्राल्टर के ब्रिटिश-नियंत्रित क्षेत्र के पास ब्रिटिश सुरक्षाबलों द्वारा ईरानी तेल टैंकर पर कब्जा करने के दो हफ्ते बाद यह घटना सामने आई।नौसेना के एक प्रवक्ता ने बयान में कहा, ‘रॉयल नेवी के युद्धपोतों को स्ट्रेट ऑफ होर्मुज के माध्यम से ब्रिटिश झंडे वाले जहाजों के साथ व्यक्तिगत रूप से या समूहों में सुरक्षा दी जाएगी। अल जज़ीरा के अनुसार, ब्रिटिश सरकार ने पहले जहाजों को स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज के रास्ते से बचने के लिए कहा था।

9 भारतीयों को किया रिहा
ईरान ने समुद्री जहाज एमटी रियाह से हिरासत में लिए गए 12 भारतीयों में से नौ को गुरुवार को रिहा कर दिया। इन भारतीयों को जुलाई के पहले सप्ताह में हिरासत में लिया गया था। इस जहाज के तीन कर्मी अभी ईरानी हिरासत में हैं। इसके अतिरिक्त ब्रिटिश जहाज स्टेना इम्पेरो के चालक दल में शामिल 18 भारतीय भी ईरानी हिरासत में हैं।

इस प्रकार से कुल 21 भारतीय ईरान के कब्जे में हैं। स्टेना जहाज को ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड ने पिछले सप्ताह होर्मुज स्ट्रेट में कब्जे में लिया था। तेहरान में स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने गुरुवार को स्टेना में मौजूद 18 भारतीयों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना।

ब्रिटेन के कब्जे वाले ईरानी तेल टैंकर ग्रेस वन में भी 24 भारतीय मौजूद हैं। ये भारतीय टैंकर के चालक दल के सदस्य हैं। फिलहाल ये सभी पुलिस की हिरासत में हैं। सीरिया जा रहे इस टैंकर को ब्रिटिश उपनिवेश जिब्राल्टर के पास चार जुलाई को ब्रिटेन की नौसेना ने रोका था। अमेरिका और यूरोपीय यूनियन ने ईरान के तेल कारोबार पर प्रतिबंध लगा रखा है। इसी प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर ग्रेस वन को रोका गया है।

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