देश में एटीएम कार्ड से धोखाधड़ी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। लोकसभा में पेश आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2017-18 में एटीएम कार्ड की क्लोनिंग कर पैसा उड़ाने और ऑनलाइन जालसाजी से जुड़े कुल 972 मामले सामने आए हैं। ऐसे में निम्न सावधानियां बरतकर इन खतरों से बचा जा सकता है।
दो तरह से धोखाधड़ी हो सकती है:
स्कीमिंग: डेबिट कार्ड के ब्योरे की चोरी को एटीएम स्किमिंग कहते हैं। इसके लिए एटीएम की-पैड के पास डिवाइस लगा दी जाती है। कार्ड को मशीन में डालते ही मैग्नेटिक पट्टी पर दर्ज ब्योरा और पासवर्ड डिवाइस में रिकॉर्ड हो जाता है।इस तरह डाटा चोरी कर ऑनलाइन खरीदी या खाते से पैसा ट्रांसफर कर पैसा निकल जाता है।
कार्ड क्लोनिंग: एटीएम कार्ड की क्लोनिंग से भी जालसाज आपकी गाढ़ी कमाई पर हाथ साफ कर लेते हैं। पहले स्किमर डिवाइस या स्वाइप मशीन के जरिए कार्ड का ब्योरा लिया जाता है। इसके बाद जालसाज सॉफ्टवेयर की मदद से एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार कर लेते हैं। इस तरह फर्जी कार्ड से पैसा निकाल लिया जाता है।
बैंक को करें तुरंत शिकायत
एटीएम या ऑनलाइन पैसों की धोखाधड़ी होने पर आपको जल्द से जल्द उसी बैंक में रिपोर्ट करनी चाहिए जिस बैंक में आपका खाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जिस बैंक ने आपको कार्ड जारी किया है, नुकसान होने की स्थिति में वही पैसा वापस करेगा। अगर यह साबित हो जाए कि आप धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं तो बैंक आपको नुकसान की भरपाई करेंगे।
एसएमएस अलर्ट जरूर रखें:
– जब भी एटीएम कार्ड से रुपये निकालने जाएं, एटीएम मशीन में कैमरे को तलाश करने की कोशिश करें।
– जहां कार्ड स्वैप किया जाता है, उस जगह को हिलाकर देखें। यदि वहां कैमरा लगा होगा तो वह खुद निकल आएगा।
– लेन-देन की जानकारी के लिए अपने मोबाइल पर एसएमएस अलर्ट सेवा लें।
– एटीएम से बाहर निकलने के बाद एक बार क्लियर बटन जरूर दबाएं।
– लेनदेन की रसीद अपने पास रखें। उसे एटीएम के पास फेंककर न जाएं।
– नकदी निकलने के बाद एटीएम के सामने खड़े होकर पैसा न गिनें।
– पिन दर्ज करते समय एटीएम के नजदीक खड़े रहें। हाथ से की-पैड को ढक लें।
– हमेशा अपना पिन कोड याद रखें। उसे लिखकर या फिर साथ लेकर न चलें।
– एटीएम पिन के लिए अपनी जन्मतिथि या गाड़ी के नंबर का इस्तेमाल न करें।