बढ़ते कोरोना मामलों के चलते जहां एक तरफ टीकाकरण की प्रक्रिया तेज हो गई है। वहीं दूसरी तरफ महामारी ने मास्क की जरूरत और शारीरिक दूरी की आवश्यकता बढ़ा दी है। लोकल सर्कल को 319 जिलों में सर्वे के बाद मिली 33 हजार से ज्यादा प्रतिक्रियाओं के मुताबिक, 74 फीसद बुजुर्ग वैक्सीनेशन सेंटर पर भी मास्क को जरूरी समझते हैं तो 44 फीसद लोग वैक्सीनेशन सेंटर पर शारीरिक दूरी के पालन को सही मानते हैं जबकि सिर्फ 15 फीसद को ही लगता है कि स्टेशन या भीड़भाड़ वाली जगहों पर शारीरिक दूरी का उतना फर्क नहीं पड़ता, सुरक्षा के मानकों पर यह कदम उतना खरा नहीं उतरता।
यात्र के दौरान 44 फीसद मास्क को मानते हैं जरूरी
बुजुर्ग जहां दूसरी डोज के लिए तैयार हैं और पहली डोज लेने के बाद भी वो सुरक्षा मानकों को लेकर पूरी तरह सतर्क हैं। सर्वे के मुताबिक, 44 फीसद नागरिकों को लगता है कि यात्र के दौरान या भीड़भाड़ वाले इलाकों पर मास्क आवश्यक होता है जबकि सिर्फ 15 फीसद मानते हैं कि ऐसे में शारीरिक दूरी रखना उतना लाभकारी नहीं होता है।
नजदीकी क्षेत्रों में 18 फीसद को मास्क लगता है प्रभावी
शहर और नजदीकी क्षेत्रों में लोगों में मास्क और शारीरिक दूरी की आवश्यकता जानने के लिए किए गए सर्वे के मुताबिक, 18 फीसद लोग मास्क को जरूरी मानते हैं जबकि शारीरिक दूरी को उतना महत्व नहीं देते। वहीं 11 फीसद लोग मास्क और शारीरिक दूरी दोनों को महत्व देते हैं।
29 फीसद ने कहा, हर जगह मास्क लगाएं
सर्वे में यह जानने की कोशिश भी की गई कि नजदीकी क्षेत्र हों या भीड़भाड़ वाले इलाके, मास्क कितना जरूरी है.। ऐसे में 29 फीसद ने कहा कि मास्क हर जगह जरूरी है। शहरी क्षेत्रों में जो मास्क से परहेज कर रहे हैं वो ठीक नहीं जबकि 45 फीसद इसके कुछ हद तक जरूरी समझते हैं।
11 फीसद बोले, शारीरिक दूरी जरूर बनाएं
महामारी के साथ बिताए एक साल के बाद 11 फीसद लोग मानते हैं कि शारीरिक दूरी हर तरह से हर जगह जरूरी है। फिर वो चाहे शादी हो या मंदिर, स्कूल हो या कॉलेज और बाजार हो या मॉल। हालांकि 24 फीसद लोग इसे कुछ हद तक ही लेकिन प्रभावी मानते हैं।