भारतीय दवा महानियंत्रक (डीसीजीआइ) की विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने भारत बायोटेक को कुछ वालंटियर पर कोवैक्सीन की तीसरी डोज के लिए क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति दे दी है। कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान में कोवैक्सीन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
एसईसी से भारत बायोटेक को कोवैक्सीन के दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति मिली हुई है। इसी में संशोधित आवेदन पेश करते हुए कंपनी ने बूस्टर डोज के लिए क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति मांगी थी। यह डोज कोवैक्सीन की दूसरी डोज के छह महीने बाद दी जाएगी।
भारत बायोटेक के आवेदन पर विस्तार से चर्चा करने के बाद समिति ने कहा है कि कंपनी को छह माइक्रोग्राम की मात्रा में बूस्टर डोज का अध्ययन करना चाहिए। साथ ही तीसरी डोज देने के कम से कम छह महीने बाद तक वालंटियर की सेहत पर निगरानी रखनी चाहिए।
एसईसी की 23 मार्च को हुई बैठक में भारत बायोटेक से यह ट्रायल करने के उद्देश्यों और वालंटियर में किए जाने वाले विभिन्न आकलनों के बारे में विस्तृत जानकारी भी देने को कहा गया है। इसी के मुताबिक कंपनी को मूल्यांकन के लिए संशोधित क्लीनिकल ट्रायल प्रोटोकॉल भी जमा करना होगा।
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