केंद्र सरकार ने 15 अक्टूबर से स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से दोबारा खोले जाने को मंजूरी दे दी है। फिर भी दिल्ली, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों ने स्कूलों को नहीं खोलने का फैसला किया है। वहीं, हरियाणा और मेघालय जैसे कुछ राज्य अभी इस बारे में कोई फैसला नहीं ले पाए हैं। ये राज्य कोरोना के बढ़ते मामलों का आकलन कर रहे हैं। बता दें कि बीते 16 मार्च को कोरोना संकट के चलते देशभर में विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी किया गया था। बाद में 25 मार्च से केंद्र सरकार की ओर से देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई थी।
बीते आठ जून से केंद्र सरकार ने ‘अनलॉक’ के जरिए विभिन्न चरणों में पाबंदियों में ढील देनी शुरू की। अभी तक शिक्षण संस्थानों को बंद रखा गया था। हाल ही में जारी अनलॉक के ताजा दिशा-निर्देशों में कंटेनमेंट जोन के बाहर स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शिक्षण संस्थानों को 15 अक्टूबर के बाद फिर खोले जाने को इजाजत दे दी गई है। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से संस्थानों को दोबारा खोले जाने पर अंतिम फैसला राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों पर ही छोड़ दिया गया है। दिल्ली सरकार ने स्कूलों को आगामी 31 अक्टूबर तक बंद रखने का फैसला किया है।
यूपी की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कंटेनमेंट जोन के बाहर के नौवीं से बारहवीं तक की कक्षाओं के छात्रों के लिए स्कूलों को 19 अक्टूबर से खोले जाने की इजाजत दे दी है। यूपी सरकार की ओर से जारी दिशानिर्देश में कहा गया है कि कक्षाएं पालियों में होंगी और छात्रों के बीच दूरी रखने जैसे नियमों का कड़ाई से पालन कराना होगा। यही नहीं छात्रों को स्कूलों में आने के लिए अपने अभिभावकों की लिखित अनुमति भी जमा करनी होगी। वहीं कर्नाटक सरकार ने कहा है कि उसे स्कूलों को पुन: खोलने की कोई हड़बड़ी नहीं है और वह इस पर बाद में विचार करेगी।
छत्तीसगढ़ सरकार ने कहा है कि स्कूल अगले आदेश तक बंद रहेंगे। वहीं महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि वह दीवाली के बाद विचार करेगी कि स्कूल खोले जाएं या नहीं। गुजरात सरकार ने कहा है कि वह भी दीवाली के बाद स्कूलों को खोले जाने पर फैसला लेगी। मेघालय सरकार ने इस बारे में कोई फैसला लेने से पहले अभिभावकों की राय जाननी चाही है। हालांकि पुडुचेरी सरकार ने कहा है कि राज्य में नौवीं से 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए आठ अक्टूबर से आधे दिन तक यानी हाफ-डे कक्षाएं शुरू की गई हैं। वहीं आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल बाद में फैसला लेने की बात कही है।