राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी को आम आदमी के साथ ‘विश्वासघात’ करार दिया। उन्होंने इन वस्तुओं की कीमतें कम करने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि जब किसी राज्य में चुनाव होते हैं तो केंद्र सरकार डीजल, पेट्रोल के दाम स्थिर कर देती है लेकिन चुनाव खत्म होते ही फिर बढ़ा देती है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक ट्वीट करते हुए कहा, ‘संप्रग सरकार के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 120 डॉलर प्रति बैरल थीं लेकिन पेट्रोल, डीजल के दाम 70 रुपये प्रति लीटर थे। नरेंद्र मोदी सरकार के दौर में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 50 डॉलर प्रति बैरल से भी कम हो गई है लेकिन सरकार डीजल और पेट्रोल की कीमत लगातार बढ़ा ही रही है।’
इसके साथ ही रसोई गैस के दाम में की गई हालिया बढ़ोतरी को लेकर भी केंद्र पर निशाना साथा। अशोक गहलोत ने लिखा, ‘कल रसोई गैस के दाम में 50 रुपये की बढ़ोतरी कर मोदी सरकार ने आमजन का बजट बिगाड़ दिया है। केंद्र सरकार ने रसोई गैस सब्सिडी को खत्म कर दिया है जिससे उज्ज्वला योजना में कनेक्शन पाने वाले गरीब लोग अपना सिलेंडर नहीं भरा पा रहे हैं।’
गहलोत ने कहा कि महामारी के काल में जब सरकार को लोगों की मदद करनी चाहिए थी, तब केंद्र की मोदी सरकार लोगों को महंगाई के बोझ तले दबा रही है। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार को कच्चे तेल की कीमतों में कमी का फायदा आमजन को देने के लिए डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस के दाम कम करने चाहिए। उन्होंने कहा कि लोग परेशान हैं लेकिन केंद्र को कोई चिंता नहीं है।
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