कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बाद ऑस्ट्रेलिया ने बुधवार को आपातकाल की घोषणा कर दी। प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने बुधवार को देश में मानव जैव सुरक्षा आपातकाल घोषित किया और कहा कि देश के नागरिकों को कोरोना वायरस महामारी के कारण सभी विदेशी यात्राएं छोड़ देनी चाहिए। उन्होंने साथ ही चेतावनी दी कि यह घातक वायरस कम से कम 6 महीने तक रह सकता है। जिस कारण कोरोना एक बड़ा संकट बनकर उभर सकता है।

आपातकाल की औपचारिक घोषणा होने के बाद सरकार को शहरों या क्षेत्रों को बंद करने, कर्फ्यू लगाने और लोगों को संगरोध करने का आदेश देने की शक्ति मिल गई है। यह सभी कदम वायरस के प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक माना जा रहा है।
दुनिया के किसी भी देश में कोरोना वायरस महामारी के चौथे स्तर पर पहुंचने के बाद वहां के नागरिकों को यात्रा न करने की आधिकारिक सलाह दी जा जाती है। इसके अलावा 100 से अधिक लोगों का किसी भी गैर जरूरी समारोह पर प्रतिबंध भी शामिल है।
आस्ट्रेलिया में जीवन बदल रहा है, क्योंकि यह दुनिया भर में बदल रहा है। यह सौ साल में एक बार होने वाली घटना है। ऑस्ट्रेलिया में कोरोना वायरस से 500 से अधिक संक्रमण और छह मरीजों की मौतें दर्ज की गई हैं।
हालांकि अन्य देशों की तुलना में अपेक्षाकृत कम संख्या है, लेकिन अधिकारी आने वाले दिनों में मामलों में तेजी से वृद्धि की संभावना के बारे में तेजी से बढ़ रहा है।देश के सबसे अधिक आबादी वाले न्यू साउथ वेल्स राज्य में बुधवार को नए मामलों में बढ़ोत्तरी की सूचना आई। यहां एक 86 वर्षीय व्यक्ति की सिडनी अस्पताल में मौत हो गई।
मॉरिसन ने कहा कि घर के अंदर के सामाजिक समारोहों पर सख्त प्रतिबंध लगाते हुए 500 लोगों की जगह 100 लोगों तक सीमित कर दिया गया है। स्कूलों, सार्वजनिक परिवहन और शॉपिंग सेंटर जैसी आवश्यक सेवाओं को इसमें शामिल नहीं किया गया है।
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