दिल्ली-एनसीआर की हवा दिनोंदिन जहरीली होती जा रही है। पराली जलना बंद होने के बाद भी दिल्ली की वायु गुणवत्ता में कुछ परिवर्तन नहीं आया है। बल्कि दिल्ली की हवा कल से भी ज्यादा जहरीली हो गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट के अनुसार सुबह नौ बजे दिल्ली के प्रमुख 16 इलाकों का एक्यूआई 400 के पार दर्ज किया गया जो गंभीर श्रेणी में आता है। वहीं अन्य इलाकों का एक्यूआई भी 300 के पार है जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। दिल्ली की हवा खराब होने का एक प्रमुख कारण वायु की धीमी गति है जिसकी वजह से प्रदूषित हवा और धूल कण एक जगह जमा होकर प्रदूषण उत्पन्न कर रहे हैं। आगे पढ़ें किन 16 इलाकों की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में है।
अलीपुर- 456
आनंद विहार- 434
अशोक विहार- 449
बवाना- 481
डीटीयू- 466
इहबास दिलशाद गार्डन- 418
जहांगीरपुरी-470
नरेला- 470
नेहरू नगर- 422
ओखला फेज-2- 407
पटपड़गंज- 443
आरके पुरम- 408
रोहिणी- 449
सोनिया विहार- 453
विवेक विहार- 468
वजीरपुर- 420
पिछले कुछ दिनों से बहुत खराब श्रेणी में नीचले स्तर पर बनी हुई दिल्ली की हवा शुक्रवार को 48 अंकों की बढ़ोतरी के साथ फिर बिगड़ गई। वहीं, दिल्ली- एनसीआर में शामिल गाजियाबाद, नोएडा ग्रेटर व नोएडा की हवा गंभीर श्रेणी में पहुंच गई। मौसम विभाग का कहना है कि शनिवार सुबह तक दिल्ली की हवा गंभीर श्रेणी में भी पहुंचेगी। हालांकि, शाम तक इसमें सुधार होने की संभावना है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, शुक्रवार को राजधानी का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 382 दर्ज किया गया। इससे एक दिन पहले यह 341, बुधवार को 373, मंगलवार को 367, सोमवार को 318, रविवार को 256, शनिवार को 236 व शुक्रवार को 137 रहा था।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु मानक संस्था सफर के अनुसार, पिछले 24 घंटों में दिल्ली के पड़ोसी राज्य हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में करीब 302 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज हुई हैं, हालांकि इससे उत्पन्न होने वाले पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 की प्रदूषण में कोई हिस्सेदारी दर्ज नहीं की गई, जबकि इससे एक दिन पहले 249 पराली जलाने की घटनाओं के साथ यह 2 फ़ीसदी और बुधवार को 316 घटनाओं के साथ 3 फ़ीसदी दर्ज की गई थी।
सफर के अनुसार, पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर में भी पिछले 24 घंटों में इजाफा हुआ है। इस कड़ी में पीएम 10 का स्तर 348 और पीएम 2.5 का स्तर 203 के साथ बहुत खराब श्रेणी में रहा है। इससे एक दिन पहले पीएम 10 का स्तर 270 और पीएम 2.5 का स्तर 170 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा था। पीएम 10 का स्तर 100 से कम पीएम 2.5 का स्तर 60 से कम होने पर सुरक्षित श्रेणी में माना जाता है।
शुक्रवार को बढ़े हुए प्रदूषण की वजह से दिन भर दिल्ली- एनसीआर स्मॉग की चादर में दिखा। वहीं, लोगों को आंखों में जलन के साथ गले में खराश के दिक्कत भी हुई। सफर के अनुसार, शनिवार की सुबह तक प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में पहुंचने की संभावना है। हालांकि, शाम तक इसमें थोड़ा सुधार हो सकता है। इसके बाद वेंटिलेशन इंडेक्स के बेहतर होने की वजह से आगामी 6 और 7 दिसंबर को हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
एक दिन पहले साफ हुई एनसीआर के शहरों की हवा शुक्रवार को गंभीर श्रेणी में पहुंच गई। इसमें मुख्य रूप से गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा और नोएडा शामिल रहे। वहीं, गुरुग्राम और फरीदाबाद हवा के सूचकांक में बढ़ोतरी के साथ बहुत खराब श्रेणी में रहे।
दिल्ली की हवा बिगड़ने के वजह से विभिन्न इलाके भी गंभीर श्रेणी में दर्ज किए गए। इसमें बवाना 452 के वायु गुणवत्ता सूचकांक के साथ सबसे प्रदूषित इलाका रहा।