कोरोना महामारी से देश हिल गया है. हर किसी को बस अपनी जान बचाने की पड़ी है. सरकार कोरोना से लड़ने में पूरी मदद कर रही है. इस स्कीम के तहत मुफ्त में कोरोना का इलाज की किया जा रहा है. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने गरीबों के मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान भारत योजना को शुरू की है. आयुष्मान भारत योजना वास्तव में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है. जिसके तहत गरीब लोगों को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये तक के इलाज के लिए कैशलेश कवरेज प्रदान किया जाता है. इस योजना के द्वारा लाभार्थी सार्वजनिक और निजी दोनों तरह के अस्पतालों में इलाज की सुविधा प्राप्त कर सकता है. इलाज का बिल पैकेज रेट के आधार पर किया जाएगा.
आपातकालीन चिकित्सा सहित कई स्वास्थ्य सेवाएं शामिल
इस योजना के तहत गर्भावस्था देखभाल और मातृ स्वास्थ्य सेवाएं, नवजात और शिशु स्वास्थ्य सेवाएं, बाल स्वास्थ्य, जीर्ण संक्रामक रोग, गैर संक्रामक रोग, मानसिक बीमारी का प्रबंधन, दांतों की देखभाल, बुजुर्ग के लिए आपातकालीन चिकित्सा जैसी स्वास्थ्य सेवाओं को शामिल किया गया है. हाल ही में प्राप्त एक आंकड़े के अनुसार आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा का लाभ उठाने वाले लोगों की संख्या 20 लाख पार कर चुकी है. साथ ही अभी तक कुल 3.7 करोड़ लाभार्थियों को योजना के तहत ई-कार्ड जारी किए गए हैं.
इस योजना से 15,400 अस्पताल जुड़े
सरकार ने इस योजना में करीब 15,400 अस्पताल को भी जोड़ा है. जिनमें से 50 प्रतिशत निजी अस्पताल हैं. वहीं ‘आयुष्मान भारत’ योजना निजी अस्पतालों और बीमा कंपनियों के लिए संजीवनी बन चुकी है. प्रख्यात अमेरिकी उद्योगपति बिल गेट्स ने भी आयुष्मान भारत योजना की तारीफ की है. आयुष्मान भारत योजना में मोदी सरकार ने महिला, बच्चे और सीनियर सिटीजन को अधिक तरजीह दी जा रही है. आयुष्मान भारत योजना की सबसे बड़ी विशेषता में शामिल होने के लिए परिवार के आकार और उम्र का कोई बंधन नहीं है. सरकारी अस्पताल और पैनल में शामिल अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों का कैशलेस और पेपरलेस इलाज किया जाएगा.
आयुष्मान भारत योजना में शामिल होने के लिए, ग्रामीण इलाकों में-
1. मोटे तौर पर ग्रामीण इलाके में कच्चा मकान होना चाहिए
2. परिवार में किसी व्यस्क (16-59 साल) का नहीं होना, परिवार की मुखिया महिला हो.
3. परिवार में कोई दिव्यांग हो.
4. अनुसूचित जाति और जनजाति से हों.
5. भूमिहीन व्यक्ति व दिहाड़ी मजदूर हों.
6. इसके अलावा, ग्रामीण इलाके के बेघर व्यक्ति.
7. निराश्रित, दान या भीख मांगने वाले.
8. आदिवासी और कानूनी रूप से मुक्त बंधुआ.
शहरी इलाकों में
1. भिखारी, कूड़ा बीनने वाले, घरेलू कामकाज करने वाले.
2. रेहड़ी-पटरी दुकानदार, मोची, फेरी वाले.
3. सड़क पर कामकाज करने वाले अन्य व्यक्ति.
4. कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाले मजदूर.
5. प्लंबर, राजमिस्त्री, मजदूर, पेंटर, वेल्डर,
6. सिक्योरिटी गार्ड, कुली और भार ढोने वाले अन्य कामकाजी व्यक्ति.
7. स्वीपर, सफाई कर्मी, घरेलू काम करने वाले.
8. हैंडीक्राफ्ट का काम करने वाले लोग, टेलर, ड्राइवर, रिक्शा चालक, दुकान पर काम करने वाले लोग.