चीन से उपजे कोरोनावायरस के चलते लोग हवाई यात्रा से किनारा कर रहे हैं। नागरिक विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि कोरोना की वजह से घरेलू एयर ट्रैफिक में 15-20 परसेंट की गिरावट देखने को मिल सकती है।
हालांकि इस दौरान उन्होंने कहा कि देश का विमानन कारोबार जल्द ही इस संकट से उबर जाएगा और अपनी तेज रफ्तार वापस हासिल करने में कामयाब रहेगा।
इस बीच, एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल (एसीआइ) के डायरेक्टर स्टेफानो बैरोनसी ने कहा है कि कोरोना के कारण हवाई अड्डे के व्यवसाय को करीब 300 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है।
वर्ष 2018 में 700 करोड़ रुपये का व्यवसाय हुआ था, जबकि इस बार 24 परसेंट की नकारात्मक वृद्धि दर रही है। इससे व्यवसाय को भारी नुकसान हुआ है। कोरोना के कारण भारत समेत एशियाई देशों को लगातार नुकसान हो रहा है।
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी को लिखे गए पत्र में बैरोनसी ने बताया कि 113 हवाई अड्डों के परिचालकों के प्रतिनिधित्व में एशिया के 49 देशों के हवाई अड्डों के प्रबंधन में सुधार करना है।
बैरोनसी ने अपने पत्र में लिखा कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के प्रकोप को कम करने और कारोबार में सुधार के लिए हवाई अड्डों के संचालन में स्थिरता होनी चाहिए।
एसीआइ के अनुमानों के मुताबिक, एशियाई देश इस वायरस के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि चीन, कोरिया और हांगकांग एयर ट्रैफिक में बड़े नुकसान के साथ प्रभाव के केंद्र में बने हुए हैं।
हवाई अड्डे की सुविधाओं और सेवाओं के संचालन खर्च को ठीक करने के लिए बड़ी पूंजीगत लागत सुनिश्चित करना जरूरी है। वर्तमान में हवाई अड्डों की लागत को पूरा करने के लिए विमान सेवाओं से प्राप्त राजस्व पर्याप्त नहीं है। इस खाई को पाटने के लिए वाणिज्यिक राजस्व एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।