इस व्रत में मीठे चावल, हल्दी, चने की दाल और जल लेकर महिलाएं मंदिर जाती हैं। इस पूजा को बसौड़ा या फिर शीतला सप्तमी या अष्टमी कहा जाता है।
इस पूजा में सबसे खास होते हैं बासी मीठे चावल, जिन्हें गुड़ या गन्ने के रस से बनाया जाता है। यही मीठे चावल माता को भी चढ़ाए जाते हैं और यही अगले पूरे दिन खाए जाते हैं। यहां जानें कैसे की जाती है पूजा….
1. सबसे पहले जल्दी सुबह उठकर ठंडे पानी से नहाएं।
2. व्रत का संकल्प लें और शीतला माता की पूजा करें।
3. पूजा और स्नान के वक्त ‘हृं श्रीं शीतलायै नमः’ मंत्र का मन में उच्चारण करते रहें, बाद में कथा भी सुनें।
4. माता को भोग के तौर पर रात को बनाए मीठे चावल चढ़ाएं।
5. रात में माता के गीत गाना न भूलें।
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