कैप्टन सुमित का प्रहार झेल नहीं सके पाकिस्तानी जवान, बिना हथियारों के ही चटाई थी धूल

हर वक्त मेरी आंखों में देशप्रेम का स्वप्न हो, जब कभी भी मृत्यु आए तो तिरंगा मेरा कफन हो। और कोई ख्वाहिश नहीं जिंदगी में, जब कभी जन्म लूं तो भारत मेरा वतन हो।

बिना हथियार के भिड़ गए कैप्टन सुमित

पाकिस्तानी सेना के दो सैनिकों से कैप्टन सुमित की हाथापाई हुई और इस जांबाज ने बिना किसी हथियार के ही उन्हें मौत के घाट उतार दिया और प्वाइंट पर तिरंगा फहराया। द्रास सेक्टर में 4 जुलाई को पाकिस्तानी सेना ने बम विस्फोट कर दिया, जिसकी चपेट में आने से कैप्टन सुमित शहीद हो गए। युद्ध में अदम्य साहस के लिए उन्हें वीर चक्र से अलंकृत किया गया।

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