वीरवार को कैथल कृषि कार्यालय में चल रहे कथित विवाद को लेकर कैथल कृषि विभाग के डी.डी.ए को अतिरिक्त मुख्य सचिव की तरफ से लैटर जारी कर सस्पेंड कर दिया गया है। बता दें कि कर्मचारी प्रगट सिंह ने डी.डी.ए पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे और उसकी शिकायत कृषि मंत्री को भेजी गई थी। कर्मचारी ने अपने विभाग के अधिकारी पर आरोप लगा रिश्वत के नाम पर बनाई गई सूची सोशल मीडिया ग्रुपों में भी वायरल कर दी।
लिस्ट में 4 हजार से लेकर 20 लाख रुपए तक की जिक्र किया हुआ था। लिस्ट में छोटे दुकानदार से चार हजार रुपए से लेकर 25 हजार रुपए और एक दुकानदार से 20 लाख रुपए की राशि लेना दर्शाया गया था। बताया जा रहा है किसी मामले को लेकर डी.डी.ए को सस्पेंड किया गया है।
वहीं दूसरी तरफ विभाग के डी.डी.ए ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर डाटा एंट्री ऑपरेटर से अकाऊंटैंट बनने वाले हाबड़ी निवासी परगट सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी की एफ.आई.आर दर्ज करवाई थी। डी.डी.ए ने पुलिस को करीब एक महीने पहले शिकायत भेजी थी, एक महीने बाद पुलिस ने एफ.आई.आर बीते बुधवार को दर्ज की थी। वहीं पंजाब केसरी ने इस मुद्द को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। पुलिस को दी शिकायत में कृषि विभाग के उपनिदेशक बलवंत सहारण ने बताया कि विभाग ने जब अपने स्तर पर मामले की जांच की तो सामने आया कि आरोपी ने बीकॉम की डिग्री यहां नौकरी पर रहते हुए ही हिमाचल के सोलन की आईईसी यूनिवर्सिटी से की है।
यह डिग्री साल 2015-16, 2016-17 व 2017-18 के दौरान की गई है। जबकि आरोपी इस समय विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर पद पर नौकरी कर रहा था। इस दौरान वह उनके कार्यालय से सैलरी भी लेता रहा। उपनिदेशक ने बताया कि यूजीसी की गाइडलाइन अनुसार इस यूनिवर्सिटी में रेगुलर ही पढ़ाई होती है और इसके कैंपस में ही विद्यार्थी को रहना पड़ता है। इतना ही नहीं नौकरी पाने की लालसा में आरोपी ने जम्मू की शर्मा एग्रो केमिकल से 3 साल का अकाउंटेंट रहने का अनुभव पत्र भी बनवा लिया। जिसमें 1 अप्रैल 2017 से 31 मई 2020 तक का अनुभव दर्शाया गया है। जबकि यह लेटर जारी करने की तारीख ऊपर 1 अप्रैल 2017 ही दर्शाई गई है। जब विभाग ने इस फर्म से इसकी जांच कराई तो संबंधित फर्म इस बात ये पूरी तरह मुकर गई, कि हमने यह एक्सपीरियंस लेटर जारी किया है। उन्होंने इसको फर्जी करार दे दिया।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal