होली का त्योहार रंगों के बिना अधूरा है. लेकिन आजकल बाजार में कई केमिकल रंग मौजूद हैं जिनसे होली खेलना आपको महंगा पड़ सकता है. हम आपको बता रहे हैं हर्बल रंग बनाने के आसान तरीके जिनका प्रयोग कर आप अपनों के साथ होली खेल सकेंगे और कोई नुकसान भी नहीं होगा.
नारंगी रंग- टेसू (पलाश) के फूलों को रातभर पानी में भिगो कर बहुत ही सुन्दर नारंगी रंग बनाया जा सकता है. कहते हैं भगवान श्रीकृष्ण भी टेसू के फूलों से होली खेलते थे. टेसू के फूलों के रंग को होली का पारम्परिक रंग माना जाता है. रात भर पानी में भिगोने के अलावा टेशू के फूलों को उबालकर भी नारंगी रंग प्राप्त किया जा सकता है.
संतरी रंग- केसर की पत्तियों का प्रयोग कर संतरी रंग प्राप्त किया जा सकता है. केसर की कुछ पत्तियों को दो चम्मच पानी में मसल कर कुछ घंटों के लिए छोड़ दें. इसके बाद पेस्ट को ताजे पानी में मिलाकर इस्तेमाल करें. हल्दी को पानी में मिलाकर भी रंग तैयार किया जा सकता है.
नीला रंग- नीले रंग का गुलाल तैयार करने के लिए, जकरांदा के नीले रंग के फूल का प्रयोग करें. इस फूल को सुखाकर उसे अरारोट या फिर आटे में मिलाएं. इससे नीले रंग का हर्बल गुलाल तैयार हो जाएगा.
काला रंग- काला रंग बनाना बेहद आसान है. काले अंगूर के जूस को पानी में मिलाएं या हल्दी पाउडर को थोड़े से बेकिंग सोडा के साथ मिलाकर काला रंग तैयार कर सकते हैं.
लाल रंग- लाल रंग बनाने का सबसे आसान तरीका है, लाल चंदन के पाउडर को अरारोट में मिलाएं. इसके अलावा अनार के दानों को पानी में उबालकर भी लाल रंग तैयार किया जा सकता है.
हरा रंग- पौधों से गरा रंग बनाना बेहद आसान है. सूखी मेहंदी चेहरे पर रंग नहीं छोड़ती. हिना से बना गुलाल बालों में कंडीशनर की तरह काम करता है. गेहूं के पौधे, पुदीना, धनिया व पालक की पत्तियों से हरा रंग बनाया जा सकता है.
जामुनी रंग- चुकंदर की सहायता से जामुनी रंग तैयार किया जा सकता है. एक किलो चुकंदर को कद्दूकस करके एक लीटर पानी में डालकर रात भर छोड़ दें. इसके बाद इससे गाढ़ा जामुनी रंग तैयार हो जाएगा.