केदारनाथ घाटी में एक बार फिर से मिल रहे है कंकाल, जाने पूरी खबर

16 जून 2013 की उस भयावह रात की याद एक बार फिर सिहरन पैदा कर गई। केदारघाटी में पहले कांग्रेस और अब भाजपा सरकार ने लापता शवों की तलाश पूरी होने के दावे किए, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश पर चले अभियान के दौरान नर कंकालों के मिलने से पूर्व में चलाए गए अभियान सवालों के घेरे में आ गए हैं। सिर्फ दो दिन में ही जब शव मिल सकते हैं, तो घाटी के दूरस्थ रास्तों पर स्थिति क्या होगी, अंदाजा लगाया जा सकता है। 

हाईकोर्ट ने 20 दिसंबर 2017 को एक जनहित याचिका पर सरकार को केदारघाटी में लापता शवों की तलाश को पांच सीनियर आइपीएस अधिकारियों की टीम भेजने के निर्देश दिए थे। हाईकोर्ट के इस आदेश पर पुलिस मुख्यालय ने यह टीम केदारघाटी भेजी। टीम सिर्फ दो दिन ही केदारघाटी में रही। ऐसे में टीम ने जो स्थिति देखी, वह बेहद चौंकाने वाली है। 

 

पुलिस चौकी से कुछ दूरी पर मिले कंकाल 

सर्च ऑपरेशन को गई टीम को लिंचोली और गौरीकुंड से लेकर रामबाड़ा के बीच शवों के कंकाल मिले हैं। इस रूट पर एक पुलिस चौकी से कुछ दूरी पर चार नर कंकाल पाए गए। इसके अलावा रामबाड़ा और त्रियुगीनारायण के उस रूट पर कंकाल मिले, जहां पहले कई सर्च ऑपरेशन चलाए जा चुके हैं। 

सरकार ने ये किया था दावा

हाईकोर्ट में दिए शपथ पत्र में सरकार ने केदारनाथ आपदा में चार हजार लोगों के लापता होने की बात कही थी। इस दौरान चलाए गए सर्च ऑपरेशन से 678 शव बरामद किए गए। जबकि 2014 से 2017 तक चलाए गए अभियान के दौरान कई नर कंकाल बरामद हो चुके हैं। अशोक कुमार (अपर पुलिस महानिदेशक) का कहना है कि रिपोर्ट मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई पर निर्णय लिया जाएगा। रिपोर्ट का परीक्षण किया जाएगा। हाईकोर्ट में रिपोर्ट कब पेश होगी, इस पर कुछ कहना उचित नहीं है। 

 

सर्च अभियान में पुलिस टीम को मिले 21 नर कंकाल

केदारनाथ आपदा के पांच साल बाद सर्च ऑपरेशन चलाने गई आइपीएस अफसरों की टीम को दो ट्रैक पर 21 नर कंकाल मिले। इन कंकालों के डीएनए सैंपल लेने के बाद मौके पर ही अंतिम संस्कार कर दिया गया। सिर्फ दो दिन चले सर्च ऑपरेशन के बाद टीम दून लौट आई है। सोमवार को टीम अपनी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को सौंपेगी। 

हाईकोर्ट के आदेश पर पुलिस मुख्यालय ने 11 अक्टूबर को पांच आइपीएस अफसरों के नेतृत्व में पुलिस टीम केदारनाथ में नर कंकालों की तलाश को भेजा थी। टीम ने पांच अलग-अलग रूटों पर आपदा में लापता हुए लोगों के शवों की तलाश की। अभियान के दौरान टीम को केदारनाथ धाम को जाने वाले पुराने रामबाड़ा रूट और इससे लगे आस-पास के क्षेत्र में सबसे ज्यादा कंकाल नजर मिले। यहां टीम ने करीब 18 नर कंकालों को खोपड़ी समेत बरामद किया।

इसी तरह दूसरी टीम ने त्रियुगीनारायण रूट पर तीन नर कंकाल बरामद किए। जबकि वासुकीताल, चैमासी और केदारनाथ मंदिर से लगे रूट पर गई टीम को सर्च के दौरान कुछ कपड़े, और जूते-चप्पलें मिले। यही नहीं, रामबाड़ा और त्रियुगीनारायण ट्रैक पर पुलिस टीम को कई निर्जन स्थानों पर 2013 की आपदा में लापता हुए लोगों के हाथ, पैर, टांग, कंधे और पसलियों की हड्डियां मिलीं। 

इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस क्षेत्र में मरने वालों की संख्या सबसे ज्यादा रही होगी। खासकर पहले भी इस क्षेत्र में सर्च अभियान के दौरान नर कंकाल बरामद किए जा चुके हैं। पुलिस टीम में एसपी चमोली तृप्ति भट्ट, एसपी रुद्रप्रयाग प्रहलाद मीणा, एसपी एसटीएफ अजय सिंह, एसपी ट्रैफिक दून लोकेश्वर सिंह और एसपी ट्रैफिक हरिद्वार मंजूनाथ टीसी समेत 35 एसडीआरएफ और सिविल पुलिस के जवान शामिल रहे।

अजय रौतेला (डीआइजी) का कहना है कि पुलिस टीम सर्च ऑपरेशन के बाद लौट आई है। इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। सोमवार को रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय भेजी जाएगी। प्रत्येक टीम अपने ट्रैक पर चलाए गए ऑपरेशन की रिपोर्ट देगी।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com