केजीएमयू के ट्रामा से पीडियाट्रिक विभाग में शिफ्टिंग के दौरान सिलिंडर में ऑक्सीजन की कमी से शनिवार यानी 9 जून को बच्चे की मौत हो गई। रोते-बिलखते परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रामा सेंटर में हंगामा किया। कर्मचारियों ने परिजनों को डरा-धमकाकर अस्पताल से हटा दिया। वहीं, केजीएमयू प्रशासन मामले को दबाए रखा। इस घटना के संबंध में अधिकारी किसी भी प्रकार की जानकारी से ही इन्कार करते रहे।
ये है पूरा मामला:
रायबरेली निवासी मोहम्मद राशिद ने बताया कि उनके तीन माह के बेटे मो. सैफ को बुखार था। पहले रायबरेली के ही एक निजी अस्पताल में बच्चे का इलाज कराया। शुक्रवार यानी 8 जून को बच्चे को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। यहा चतुर्थ तल पर स्थित पीडियाट्रिक वार्ड में चल रहा था। बच्चे की हालत में सुधार देख डॉक्टरों ने अगले दिन शनिवार दोपहर करीब तीन बजे सैफ को केजीएमयू पीडियाट्रिक विभाग में शिफ्ट करने को कहा। राशिद का आरोप है कि सैफ के साथ वार्ड से तीन और बच्चों को एक ही ऑक्सीजन सिलिंडर के साथ शिफ्ट किया जाने लगा। बच्चे ट्रामा सेंटर के बाहर आए ही थे कि आक्सीजन सप्लाई सही से न हो पाने से उनके बच्चे की सासें उखड़ गईं। हालाकि पीड़ित का कहना है कि सिलिंडर के सहारे लाए गए दो अन्य बच्चों ने भी दम तोड़ दिया, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी। क्या कहते हैं केजीएमयू सीएमएस?
केजीएमयू सीएमएस डॉ. एसएन शखवार का कहना है कि ऑक्सीजन की कमी नहीं थी। बच्चे की मौत कार्डियक अरेस्ट के चलते हुई है। मरीज के परिजन घटना की लिखित शिकायत दर्ज कराएंगे तो जाच कराई जाएगी।
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