खाने को रसायन रहित हरी सब्जियां चाहिए, मगर इन्हें उगाने के लिए जगह नहीं है। आपकी यह मुश्किल केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (सीआइएसएच) ने हल कर दी है। संस्थान में विकसित की गई तकनीक से अब आप दीवारों पर भी जैविक सब्जियां उगा सकेंगे।
यह तकनीक न सिर्फ आपकी रसोई का जायका बढ़ाएगी बल्कि जेब पर पड़ते बोझ को भी कम करेगी। सीआइएसएच के निदेशक डॉ. शैलेंद्र राजन बताते हैं कि रसायनिक खादों केअंधाधुंध प्रयोग व उसके सेहत पर पडऩे वाले दुष्प्रभावों के चलते लोग अब घर पर ही सब्जी उगाना पसंद करते हैं, लेकिन पर्याप्त स्थान न होने के चलते अक्सर लोग चाहकर भी ऐसा कर नहीं पाते। ऐसे लोग अब दीवार के सहारे सब्जियों की उगा जा सकेंगे। लौकी, खीरे, कद्दू, सेम जैसी लता वाली सब्जियां कम जमीन में भी उगाई जा सकती हैं लेकिन हरी सब्जियों के लिए ज्यादा जगह की जरूरत होती है। सीआइएसएच की ओर से विकसित डिजाइन किए गए मॉडलों में सीमित स्थान में बिना मिट्टी के ही हरी सब्जियां उगाई जा सकेंगी।
यह है तकनीक
पीवीसी पाइप काटकर स्ट्रक्चर तैयार कर उसमें कोकोपीट, वर्मिकुलाइट व परलाइट का मिश्रण तैयार कर भरें। मिश्रण में जड़ वाली बीमारियों का प्रकोप नहीं होता। वहीं मिट्टी की अपेक्षा यह काफी हल्का भी होता है। इसे आसानी से छत पर कहीं भी रखा जा सकता है। वहीं इससे छत में या दीवार पर सीलन का भी खतरा नहीं रहता। इस विधि से मेथी, पालक, धनिया, सलाद, चुकंदर, पत्तागोभी सहित कई अन्य सब्जियां सफलतापूर्वक उगाई जा सकती हैं। डॉ.शैलेंद्र राजन ने बताया कि इस प्रकार के मॉडल में रोग और कीट के प्रबंधन के लिए कीटनाशकों की भी आवश्यकता न के बराबर होती है। संस्थान के डॉ. एसआर सिंह के बनाए इस मॉडल को बालकनी में या दीवार के साथ रख जैविक सब्जियों का लुत्फ उठा सकते हैं।
बाजार में अभी नहीं स्ट्रक्चर
डॉ. सिंह कहते हैं कि ज्यादातर लोग सजावटी पौधों का उपयोग दीवारों को सजाने के लिए करते हैं। इसके लिए रेडीमेड प्लास्टिककंटेनर उपलब्ध हैं लेकिन सब्जियों के लिए विशेष डिजाइन के कंटेनर बाजार में उपलब्ध नहीं हैं जिन्हें दीवार के साथ खड़ा किया जा सके। तैयार किए गए डिजायन से छत में सीलन का खतरा भी नहीं रहता।
उगाएं ये सब्जियां
पुदीना, बेसिल, धनिया, मेथी, चिकोरी, पार्सले, लहसुन, बॉन्चिंग प्याज, लेट्यूस, पालक, स्विस चार्ड छोटी सी जगह पर शानदार पत्ते विकसित करते हैं।