दिल्ली-एनसीआर में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर अब बयानबाजी भी शुरू हो गई है। पराली से चार फीसद प्रदूषण वाले केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावेड़कर के बयान पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। केजरीवाल ने कहा कि बार-बार इनकार करने से कोई मदद मिलने वाली नही है। अगर पराली जलाने से सिर्फ चार फीसद प्रदूषण होता है तो अचानक रात में प्रदूषण कैसे फैल गया।
सीएम केजरीवाल ने ट्वीट कर केंद्रीय मंत्री से यह जानने की कोशिश की कि पिछले एक पखवाड़े में दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण अचानक क्यों बढ़ गया है। इससे पहले तो हवा बिल्कुल हवा साफ थी। उन्होंने कहा कि यही कहानी हर साल होती है। सर्दियों के दिनों में राजधानी दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों में प्रदूषण बढ़ जाता है।
इससे पहले केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने कहा था कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के लिए पराली का जलना प्रमुख कारक नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे सिर्फ चार फीसद प्रदूषण होता है। बाकी प्रदूषण धूल, निर्माण कार्य और बायोमास जलने जैसे स्थानीय कारकों से होता है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने भी जावेड़कर को घेरा
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि जावेड़कर के अनुसार, दिल्ली के प्रदूषण में पराली का केवल 4 फीसद का ही योगदान है। 15 दिन पहले एयर क्वालिटी इंडेक्स सामान्य था, मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि दिल्ली के लोगों ने 15 दिनों में क्या किया जिससे इस तरह की स्थिति पैदा हुई।
गोपाल राय ने कहा कि केंद्रीय मंत्री के बयानों से ऐसा लग रहा है कि वह प्रदूषण फैलाने वाले राज्यों (हरियाणा-पंजाब) का बचाव कर रहे हैं। हम दिल्ली में प्रदूषण से लड़ने के उपाय कर रहे हैं और दिल्ली के बाहर प्रदूषण के स्रोत पर केंद्र से सहयोग चाहते हैं।
आम आदमी पार्टी ने भी की केंद्रीय मंत्री के बयानों की आलोचना
वहीं समाचार एजेंसी पीटाआइ के अनुसार, आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता व विधायक राघव चड्ढा ने कहा कि 2019 में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने कहा था कि पराली जलने से दिल्ली में वायु प्रदूषण 44 फीसद होता है। राघव ने कहा कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने कहा है कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलने से 44 फीसद प्रदूषण दिल्ली में होता है। जावेड़कर यह कैसा बयान दे रहे हैं?।