केंद्र सरकार के विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में देश के कई हिस्सों में महापंचायतों का सिलसिला जारी है। इस कड़ी में हरियाणा के बहादुरगढ़ में किसान महापंचायत बुलाई गई, जिसमें किसान नेता राकेश टिकैत भी शामिल हुए। यहां उन्होंने एक तरह से पीएम मोदी और अमित शाह को खुली चुनौती देते हुए राष्ट्रव्यापी मार्च करते हुए गुजरात जाने का ऐलान कर दिया।
महापंचायत में किसानों को संबोधित करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम पंचायती प्रणाली को मानने वाले लोग हैं। उन्होंने कहा कि हम फैसलों के बीच न पंच बदलते हैं और न ही मंच बदलते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा दफ्तर सिंघु बार्डर पर ही रहेगा और हमारे लोग भी वहीं रहेंगे।
टिकैत ने महापंचायत के दौरान बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि हम जल्द ही राष्ट्रव्यापी मार्च निकालेंगे। मार्च के तहत गुजरात जाएंगे और उसे मुक्त करेंगे। वह केंद्र द्वारा नियंत्रित है। टिकैत ने कहा कि भारत आजाद है, लेकिन गुजरात के लोग कैद में हैं। अगर वे आंदोलन में शामिल होना चाहते हैं, तो उन्हें जेल हो जाती है। हम मार्च की तारीख तय कर रहे हैं।
महापंचायत में राकेश टिकैत ने फिर साफ कहा कि कृषि कानूनों के निरस्त होने के बाद ही प्रदर्शनकारी किसानों की घर वापसी होगी। उन्होंने कहा कि हम दिल्ली से कील हटाए बिना नहीं जाएंगे। केंद्र चाहे तो आज बात कर ले या 10 दिनों में या अगले साल, हम बैठने के लिए तैयार हैं।