कुरुक्षेत्र : सवा साल में एचएसजीएमसी में तीसरी बार हुआ बड़ा उलटफेर

कुरुक्षेत्र के गुरुद्वारा साहिब छठी के दीवान हाल में करीब ढाई घंटे तक बैठक चली, जिसमें कई दिल मिले तो कई टूट गए। बैठक में जहां कमेटी बदली गई तो वहीं इसके बाद पूरा नजारा भी बदला हुआ दिखाई दिया।

हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी में उठापटक थमने का नाम नहीं ले रही है। महज सवा साल के दौरान ही तीसरी बार वीरवार को कमेटी में बड़ा घटनाक्रम हुआ, जिसमें पहली बार सदस्यों ने सर्वसम्मति से भूपिंद्र असंध को प्रधान बनाया है, जिसके साथ ही जनरल हाउस की बैठक में नए पदाधिकारी भी बनाए गए। हालांकि बैठक बजट को लेकर बुलाई गई, लेकिन इसमें 100 करोड़ का बजट पास किए जाने के साथ-साथ नई कार्यकारिणी के गठन पर अधिक जोर दिया गया। गुरुद्वारा साहिब छठी के दीवान हाल में करीब ढाई घंटे तक बैठक चली, जिसमें कई दिल मिले तो कई टूट गए। बैठक में जहां कमेटी बदली गई तो वहीं इसके बाद पूरा नजारा भी बदला हुआ दिखाई दिया।

रमणीक मान के समर्थन में चार व मंडेबर के समर्थन में आए 28 सदस्य
जत्थेदार भूपिंद्र असंध की माने तो बैठक में रमणीक सिंह मान ने जब वार्षिक बजट पर संबोधित करना शुरू किया, तो कुछ सदस्यों ने कार्यकारिणी समिति के चुनाव की मांग उठाई। हाउस की सहमति पर पुरानी कार्यकारिणी भंग करने का एलान किया। इसके उपरांत सदस्य सुदर्शन सिंह सहगल को सभापति नियुक्त किया। सहगल ने प्रधान पद लिए नाम मांगे, जिस पर केवल उनका ही नाम आया और सभी सदस्यों ने सहमति जता दी। यही नहीं वरिष्ठ उपप्रधान के लिए सुदर्शन सहगल व कनिष्ठ उपप्रधान के लिए बीबी रविंदर कौर अजराना के नाम पर सर्वसम्मति बनी।

महासचिव के पद के लिए रमणीक सिंह मान का नाम घोषित किया गया, तो उनके विरोध में एक एक सदस्य ने सुखविंदर सिंह मंडेबर का नाम सुझाया। इस पर रमणीक सिंह मान को चार सदस्यों ने समर्थन दिया, जबकि शेष 28 सदस्यों ने मंडेबर को महासचिव चुन लिया। महासचिव का पद हाथ से जाने के बाद रमणीक सिंह मान, बाबा गुरमीत सिंह तिलोकेवाला, मोहनजीत सिंह पानीपत, विनर सिंह साहा व गुरबखश सिंह यमुनानगर वॉक आउट कर चले गए। इसके बाद सभी सदस्यों को सर्वसम्मति से चुना गया और नई कार्यकारिणी ने ही 100 करोड़ से अधिक का बजट भी सर्वसम्मति से पास कर दिया।

21 दिसंबर को पहले प्रधान बने थे महंत कर्मजीत
21 दिसंबर 2022 को हरियाणा कमेटी के पहले प्रधान महंत कर्मजीत सिंह बने थे। उस समय बाबा दादूवाल विरोध में बैठक छोड़कर चले गए थे। इस कमेटी ने 18 मार्च 2023 को करीब 106 करोड़ का बजट भी पास किया था। महंत कर्मजीत सिंह महज आठ माह 18 दिन ही प्रधान रहे और उनके साथ-साथ महासचिव गुरविंद्र सिंह धमीजा को अंबाला के पंजोखरा साहिब में हुए विवाद के चलते इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद आठ सितंबर 2023 को महंत कर्मजीत के साथ सीनियर उपप्रधान रहे भूपिंद्र सिंह असंध को प्रदेश सरकार ने प्रधान पद और मुख्यमंत्री के मीडिया कोआर्डिनेटर रमणीक मान को गुरविंद्र धमीजा की जगह महासचिव बनाया था लेकिन वीरवार को फिर उलटफेर हुआ, जिसके बाद रमणीक मान की भी छुट्टी कर दी गई।

दूादूवाल, धमीजा, मंडेबर की नाराजगी हुई दूर
बदले घटनाक्रम के बीच बाबा बलजीत सिंह दादूवाल, गुरविंद्र सिंह धमीजा व सुखविंद्र सिंह मंडेबर की नाराजगी भी दूर हो गई। जहां धमीजा भी गंभीर आरोप लगाते रहे तो वहीं मंडेबर ने भी सदस्य रहते हुए भूपिंद्र असंध की अगुवाई कमेटी पर अनेक बार आरोप जड़े। बैठक के बाद तीनों ने चर्चा में कहा कि किसी प्रकार की कोई नाराजगी नहीं रही है और भूपिंद्र असंध की अगुवाई में सभी बेहतर ढंग से कमेटी चलाएंगे।

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