भारत में कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को लेकर पाकिस्तान ने टिप्पणी की है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि भारत सरकार आंदोलनरत किसानों की आवाज को दबाने में नाकाम रही है और अब पूरा भारत किसानों के साथ खड़ा है. पाकिस्तान के विज्ञान एवं तकनीक मंत्री फवाद चौधरी ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा कि दुनिया को भारत की दमनकारी सरकार के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए. हालांकि, भारत सरकार कई बार स्पष्ट कर चुकी है कि दूसरे देशों को भारत के आंतरिक मामले पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है.
कुरैशी ने एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाया. पाकिस्तान के प्रमुख अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, विदेश मंत्री कुरैशी ने सवाल किया कि अगर कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत का पक्ष इतना मजबूत है तो फिर वो बातचीत करने से क्यों डरता रहा है.
एक बयान में कुरैशी ने कहा, भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की शांतिपूर्ण वार्ता की पेशकश पर ध्यान नहीं दिया. इसके बजाय, भारत ने ऐसे कदम उठाए जिससे कश्मीर में हालात और तनावपूर्ण हो गए.
कुरैशी ने कहा, भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की शांतिपूर्ण वार्ता की पेशकश पर ध्यान नहीं दिया. इसके बजाय, भारत ने ऐसे कदम उठाए जिससे कश्मीर में हालात और तनावपूर्ण हो गए.
कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने वैश्विक समुदाय को अपने व्यवहार से दिखा दिया है कि वह क्षेत्र में सिर्फ शांति और स्थिरता चाहता है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि परमाणु हथियार संपन्न दोनों देशों के बीच कश्मीर को लेकर तनाव कायम है और इसीलिए कश्मीर मुद्दे का स्थायी समाधान निकालने की जरूरत है.
कुरैशी से जब कश्मीर मुद्दे के सैन्य समाधान करने के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ऐसा करना आत्महत्या करने के बराबर होगा. कुरैशी ने कहा कि भारत कश्मीरियों के अधिकार छीन रहा है और दशकों से उनकी आवाज दबाने के लिए कार्रवाई कर रहा है. कुरैशी ने कहा कि क्षेत्र में आर्थिक स्थिरता तभी आएगी, जब शांति कायम होगी.
मोदी सरकार के जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाने की पुरजोर कोशिश की थी लेकिन नाकाम रहा. हालांकि, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और उनके मंत्री आए दिन कश्मीर मुद्दे पर बयानबाजी करते रहते हैं.