- प्रेगनेंट होने के लिए पीरियड्स का नियमित होना जरूरी है।
- कोई बीमरी भी हो सकती है बांझपन की वजह।
- कई गलत आदतें भी होती हैं मां न बनने का कारण।
अनियमित पीरिड्स हो सकते हैं कारण
प्रेगनेंट होने के लिए पीरियड्स का नियमित होना जरूरी है। अनियमित पीरियड्स के कारण कई बार महिलाओं को मां बनने में भी परेशानी होती है। अगर आप गर्भधारण नहीं कर पा रही हैं तो हार्मोन के स्तर की जांच भी करायें। हार्मोन के स्तर में असंतुलन होने से ओव्यूलेशन और गर्भधारण करने में समस्या होती है। प्रोलेक्टिन हार्मोन, एंटी मुलेरियन हार्मोन, एस्ट्रोजन हार्मोन की जांच करायें। इसकी जांच के लिए एचसीजी और एक्स-रे किया जाता है।
गर्भाशय में गांठ हो सकती है वजह
जब यूटरस की मांसपेशियों का असामान्य रूप से अतिरिक्त विकास होने लगता है तो उसे फाइब्रॉयड कहा जाता है। यह एक प्रकार का ट्यूमर होता है जो कैंसर के लिए जिम्मेदार नहीं है। फाइब्राइड की समस्या होने पर बांझपन की स्थिति हो सकती है। दरअसल फाइब्राइड में मासिक धर्म के दौरान सामान्य से अधिक रक्तस्राव, यौन संबंध बनाते वक्त बहुत दर्द होना, यौन संबंध के समय योनि से रक्तस्राव होना, मासिक धर्म के बाद भी रक्तस्राव होने जैसी समस्या होती है। इन समस्याओं के कारण अंडाणु और शुक्राणु आपस में मिल नहीं पाते हैं जिसका परिणाम बांझपन होता है। तो काफी हद तक फाइब्राइड बांझपन के लिए भी जिम्मेदार है।
ट्यूबल रोग हो सकती है इंफर्टिलिटी की वजह
लगभग 15-18 प्रतिशत बांझपन के मामले केवल ट्यूबल बीमारियों के कारण सामने आते हैं। ट्यूबल डिजीज ऐसी समस्या है जिसमें आपकी फैलोपियन ट्यूब बंद हो जाती है या फिर क्षतिग्रस्त हो जाती है। इस ट्यूब के बंद होने के कारण गर्भधारण करने में समस्या होती है। इसकी जानकारी होने पर इसकी जांच करायें।
बीमारी की वजह से भी हो सकता है बांझपन
हाइपरटेंशन और हाई ब्लड प्रेशर सामान्यतया उम्रदराज लोगों की बीमारी है लेकिन वर्तमान में यह समस्या युवाओं में भी बहुत तेजी से हो रही है, इसके कारण बांझपन के मामले भी अधिक सामने आ रहे हैं। टीबी, डायबिटीज, पॉलिसिस्टमिक ओवेरियन डिजीज के कारण ओवेल्यूशन की प्रक्रिया प्रभावित होती है और बांझपन बढ़ता है।
गलत आदतों के कारण बांझपन
एल्कोहल, धूम्रपान, कोकीन, और स्टेरॉयड के अधिक इस्तेमाल करने से सीमन की गुणवत्ता प्रभावित होती है। एक तरफ जहां धूम्रपान करने से स्पर्म काउंटिंग कम होती है वहीं दूसरी तरफ शराब के सेवन से टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन का उत्पादन कम होता है। इसके अलावा दवाओं खासकर एंटीबॉयटिक का इस्तेमाल अधिक करने के कारण भी बांझपन की समस्या बढ़ रही है।
वातावरण और खानपान के कारण मां न बन पाना
आधुनिक जीवनशैली और खानपान में अनियमितता के कारण इंफर्टिलिटी के मामले अधिक बढ़ रहे हैं। प्रदूषण और टॉक्सिन ने 45-48 प्रतिशत इंफर्टिलिटी के मामले बढ़ा दिये हैं। फास्ट फूड और जंक फूड खाने में मौजूद पेस्टीसाइड से शरीर में हार्मोन असंतुलन होता है जिसके कारण बांझपन हो सकता है। इसलिए अपने खानपान में बदलाव कीजिए और पौष्टिक आहार का सेवन कीजिए।
मोटापे के कारण मां बनने में परेशानी
मोटापे के कारण भी इंफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है। अधिक वजन होने के कारण कई प्रकार की समस्या होने लगती है जो महिला की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है। इसके अलावा जिन महिलाओं का वजन सामान्य से कम है उनमें भी यह शिकायत हो सकती है। इसलिए यदि आपका वजन अधिक है तो इसे कम करने की कोशिश कीजिए और और यदि वजन कम है तो इसे बढ़ाइए।
थायरॉइड की समस्या
थॉयराइड ग्रंथि सही तरीके से काम नहीं कर रही है तो यह गर्भधारण में समस्या करती है। थॉयराइड की जांच के लिए टी3, टी4 और टीएसएच जांच की जाती है। इन जांच में पता चल जाता है कि कहीं आपकी थॉयराइड ग्रंथि अधिक सक्रिय तो नहीं है। इस ग्रंथि के ओवरएक्टिव होने पर यह ओव्यूलेशन और गर्भधारण के बीच में बाधक बनता है।