कितने तरह के होते हैं कार इंश्योरेंस

कार खरीदने के साथ उसका बीमा होना काफी महत्वपूर्ण है। अगर आप निकट भविष्य में एक नई कार के मालिक होने जा रहे हैं, तो आपको ये जानना बहुत जरूरी है कि हमारे देश में Car Insurance के कितने विकल्प उपलब्ध हैं और इनमें से आपके लिए कौन सबसे ज्यादा बेहतर होने वाला है।

भारत में कुल 3 तरह के कार बीमा होते हैं आइए, इनके बारे में जान लेते हैं।

Third-party Insurance

मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत भारत में तृतीय-पक्ष बीमा अनिवार्य है। यदि आप कार खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो ये बीमा पॉलिसी आपको अनिवार्य रूप से खरीदनी होगी। थर्ड-पार्टी बीमा किसी थर्ड-पार्टी वाहन, संपत्ति को हुए नुकसान या आपकी कार से जुड़ी दुर्घटना के परिणामस्वरूप होने वाली किसी शारीरिक चोट या मृत्यु के लिए कवरेज प्रदान करता है।

हालांकि, तृतीय-पक्ष बीमा आपके वाहन को हुए नुकसान या आपकी कार से जुड़ी किसी दुर्घटना के कारण आपको होने वाली किसी भी शारीरिक क्षति के लिए कोई कवरेज प्रदान नहीं करता है।

Own Damage Insurance

ऑन डैमेज इंश्योरेंस पॉलिसी कानून द्वारा अनिवार्य नहीं है, लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि सड़क पर किसी भी दुर्घटना के परिणामस्वरूप आपके वाहन को होने वाली किसी भी क्षति को कवर किया जाएगा। यह आपके वाहन से जुड़ी दुर्घटना के कारण होने वाली शारीरिक चोटों या मृत्यु के लिए भी कवरेज सुनिश्चित करता है।

Comprehensive insurance

कॉम्प्रिहेन्सिव इंश्योरेंस सबसे पॉपुलर कार बीमा पॉलिसियों में से एक है, जिसे वाहन मालिक चुनते हैं। इस प्रकार की बीमा पॉलिसी तीसरे पक्ष की देनदारी और आपकी अपनी कार को हुए नुकसान दोनों के लिए व्यापक कवरेज प्रदान करती है।

Comprehensive insurance Policy वाहन मालिक को चोरी, आग, प्राकृतिक आपदाओं, दुर्घटनाओं और अन्य अप्रत्याशित घटनाओं से होने वाले नुकसान से सुरक्षा प्रदान करती है। इसे सरकार द्वारा अनिवार्य नहीं किया गया है, लेकिन Comprehensive insurance सबसे बेहतर ऑप्शन है।

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