किंगफिशर माल्या की कंपनी है या गांधी परिवार की-BJP का वार

आर्थिक भगोड़ा विजय माल्या के भारत छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात संबंधी बयान के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष में बयानबाजी शुरू हो गई है. बीजेपी की ओर से आरोप लगाया गया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी भ्रष्टाचार में लिप्त रहे हैं और अप्रत्यक्ष रूप से किंगफिशर कंपनी पर गांधी परिवार का ही मालिकाना हक है.

गांधी-नेहरू परिवार और विजय माल्या के बीच संबंधों के बारे में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि आज हम एक डॉक्यूमेंट दिखाने वाले हैं कि किस तरीके से उनका संबंध हवाला कारोबारी से रहा है.

उन्होंने सोनिया गांधी पर आरोप लगाया कि उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर दबाव बनाया कि वह विजय माल्या को ज्यादा से ज्यादा कर्ज दिया जाए.

पात्रा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर भी गंभीर आरोप लगाया और कहा कि राहुल उलूल-जुलूल ट्वीट करते हैं और उन्हीं-उन्हीं प्रश्नों को बार-बार रिपीट करते हैं. खुद भ्रष्टाचार के मामले में बेल पर बाहर हैं, अब वही सवाल कर रहे हैं. वैसे उन्हें भ्रष्टाचार पर सवाल करने का कोई अधिकार नहीं बनता.

नेशनल हेराल्ड पर मसले पर राहुल से सवाल करते हुए पात्रा ने कहा कि नेशनल हेराल्ड मसले पर पिछले दिनों सुनवाई की गई जिससे सोनिया और राहुल के इनकम टैक्स रिटर्न का रिएसेसमेंट किया जाएगा उसमें सोनिया और राहुल का यंग इंडिया में 38-38 फीसदी शेयर है जबकि 12-12 मोतीलाल वोहरा और ऑस्कर फर्नांडीस का शेयर है. यंग इंडिया एक कंपनी है जिसका इस मामले में अहम रोल है. एक तरह से यह गांधी परिवार की ही कंपनी है.

उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड के मसले पर यंग इंडिया एक स्टैक होल्डर है. इस मसले पर कोलकाता की टैक्स डिपार्टमेंट ने जब छापा डाला. डॉटेक्स मरकंटीले कंपनी से इस मसले पर राहुल ने एक करोड़ का लोन लिया था. डॉटेक्स कंपनी के निदेशक का नाम है उदय शंकर महावर. ये एक शेल कंपनी है. जांच में उदय शकर ने स्वीकार किया कि जो पैसा उन्होंने राहुल गांधी को अनएकाउंटेड सोर्स से पैसा दिया. काले धन को हवाला के जरिये से पैसा लाया जाता था, और उस पैसे को राहुल गांधी को दिया गया था.

पात्रा ने कहा कि उन्हें बताना होगा कि उन्होंने कालेधन का इस्तेमाल किस तरह से किया.

बीजेपी प्रवक्ता ने पूरे गांधी-नेहरू परिवार पर सवाल दागते हुए कहा कि किंगफिशर एयरलाइन्स विजय माल्या का था या राहुल गांधी और सोनिया गांधी का था. जिस तरीके के तथ्य और मेल सामने हैं उससे यही लगता है.

उन्होंने कहा कि पहली चिट्ठी 2010 की है, जिसमें रिजर्व बैंक ने स्टेट बैंक को लेटर लिखा और विजय माल्या के लोन को रिस्ट्रकचरिंग की बात करती है. 9 मार्च 2012, को एक बार रिजर्व बैंक ने स्टेट बैंक को लेटर लिखा. इस दौरान भी किंगफिशर एयरलाइन को बचाने की कोशिश की गई. इससे पहले 14 नवंबर 2011 को मनमोहन सिंह ने प्रेस से कहा था कि हमें किगफिशर को मुश्किल से निकालना होगा. ये रिश्ता क्या कहलाता है कि किंगफिशर के साथ. तब विजय माल्या सिविल एविएशन स्टैंडिंग समिति का सदस्य था.

उन्होंने तब के संबंधों का खुलासा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ चाय पर मीटिंग के बाद मनमोहन सिंह को धन्यवाद करते हुए माल्या पत्र लिखते हैं. राहुल आप बताएं कि विजय माल्या के गुड टाइम्स में आपकी कितनी हिस्सेदारी है. माल्या ने कहा कि मनमोहन सिंह ने उनसे कहा कि वह टीकेए नैयर से फॉलोअप करते रहें और संबंधित मंत्रालय के सचिव से तुरंत बात करने को कहा जिसके बाद बैंक लोन मिल गया.

पात्रा ने कहा कि माल्या ने 2013 में अपने मित्र को लिखा था कि वह 500 करोड़ के लोन के लिए तत्कालीन वित्त मंत्री से मिले थे. दोस्त पी चिदंबरम की वजह से उन्हें एसबीआई बेंगलुरू से लोन मिल गया.

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