नहर में कार के समाने से हुए हादसे में बचे रमेश कार बुक करके सुबह ही वह ड्राइवर श्यामलाल के साथ सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचे थे। इसी गाड़ी से वह रात में एक बरात में भी गए थे, वहां से लौटने के बाद वह हल्द्वानी आए। रमेश ने बताया कि छोटे भाई राकेश ने अपनी पत्नी रामा की अस्पताल से छुट्टी करा ली थी। सभी लोग कार में सवार होकर अपने गांव के लिए रवाना हुए। थोड़ी दूर जाने के बाद ही तेज बारिश की वजह से कार के शीशे के सामने कुछ भी स्पष्ट नहीं दिख रहा था। मोड़ के पास अचानक कार डगमगा गई। लगा जैसे किसी गड्ढे में गाड़ी का पहिया पड़ा हो। जब तक कुछ समझ पाते तब तक गाड़ी नहर में चली गई।
अंदर चीख पुकार मच गई। इसके बाद सभी बेहोशी की हालत में आ गए। बाद में जब पुलिस ने बाहर निकाला तब पता चला कि छोटे भाई राकेश, मेरी पत्नी, तीन दिन पहले पैदा हुए भतीजे और मेरे छोटे भाई की सास की मौत हो चुकी थी। बोले, गाड़ी में कोई खराबी नहीं थी। ड्राइवर भी अच्छा था। घटना कैसे हुई, कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है।
बता दें कि, अस्पताल से तीन दिन के नवजात और प्रसूता की छुट्टी कराकर घर जाते किच्छा के एक परिवार की कार एसटीएच से निकलते ही नहर में समा गई। हादसे में शिशु समेत चार लोगों की मौत हो गई।
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