मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचित सरकारी दस्तावेज बनाने, उनका प्रयोग करने समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है। आरोपियों से पूछताछ के साथ ही पुलिस जमीन खरीदने वालों से भी पूछताछ कर बयान दर्ज करेगी। जरूरत पड़ने पर उन्हें गवाह के तौर पर जमीन बेचने वालों के खिलाफ कोर्ट में भी खड़ा करेगी।
कानपुर में सिविल लाइंस स्थित जमीन पर कब्जे के प्रयास मामले में रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पुलिस ने चुन्नीगंज स्थित एपी फैनी कंपाउंड की जमीन अवैध रूप से बेचने वाले पांच लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने यह कार्रवाई लेखपाल की तहरीर पर की है। आरोप है कि इन लोगों ने लीज खत्म होने के बाद फर्जी ट्रस्टी बनकर जमीन का सौदा कर डाला। जमीन की अवैध बिक्री 2021 से शुरू की गई और 26840 वर्ग गज जमीन बेच डाली।
एपी फैनी कंपाउंड को लेकर प्रशासनिक जांच में जमीनों की अवैध खरीद-फरोख्त का खुलासा हुआ था। ईसाई ट्रस्ट बनाकर उनके अधिकृत हस्ताक्षर करने वालों ने प्लॉटिंग कर अवैध रूप से बेच दिया था। प्रशासनिक जांच पूरी होने के बाद सदर तहसील के लेखपाल विपिन कुमार ने सोमवार को पुलिस को तहरीर दे दी थी। अधिकारियों द्वारा तहरीर की समीक्षा करने के बाद कार्रवाई की गई।
मंगलवार को कर्नलगंज पुलिस ने सेंटव मार्क्स मिशन कंपाउंड अलीगढ़ रोड हाथरस निवासी मो. रेव जॉनसन टी जॉन, 387 बी सिटी साइड रेलवे कॉलोनी आगरा निवासी अनिल कुमार, भवन संख्या 49 मोहल्ला गंगापुर यशोदानगर निवासी अर्पित मिश्रा, एम ब्लॉक किदवईनगर निवासी दीपक कुमार और केडीए कालोनी गंगा विहार निवासी दुर्योधन कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचित सरकारी दस्तावेज बनाने, उनका प्रयोग करने समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है।
एपी फैनी कंपाउंड को लेकर प्रशासन ने जांच की थी। उसकी रिपोर्ट के आधार पर लेखपाल द्वारा जो तहरीर दी गई उसके आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। अब इस मामले में खरीदारों और आरोपियों के बयान दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। -दिनेश त्रिपाठी, डीसीपी सेंट्रल
यह था मामला
1861 में पहली बार ब्रिटिश शासनकाल में बालिका अनाथालय के लिए लेडी सुपरिंटेंडेंट सोसाइटी फॉर प्रॉपगेशन (एसपीजी) मिशन को लगभग 20 हजार वर्गमीटर जमीन 99 साल के पट्टे पर दी गई थी। इसका उद्देश्य मिशन गर्ल्स आर्फनेज अर्थात बालिका अनाथालय व स्कूल संचालित करना था। 1877 में कल्लूमल आदि ने एसपीजी मिशन को बैनामा कर दिया। 1945 में जमीन लखनऊ डायोसिस ट्रस्ट एसोसिएशन (एलडीटीए) को दी गई। 2008 में एलडीटीए ने चर्च ऑफ इंडिया ट्रस्ट को 100 रुपये के स्टांप पर जमीन लिख दी। वर्ष 2019 के बाद से एलडीटीए और चर्च ऑफ इंडिया के लोगों ने कई लोगों को जमीन की बिक्री कर दी।
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