बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां बढ़ती जा रही हैं. बिहार के डिप्टी सीएम और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता सुशील मोदी ने कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर निशाना साधा है. सुशील मोदी ने कहा कि कांग्रेस और राजद हालात को समझने और सही फैसले करने में इतने सुस्त हैं कि वे करोड़ों लोगों का जीवन बेहतर बनाने वाले त्वरित फैसले नहीं कर सकते.
सुशील मोदी ने कहा कि यह क्षमता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में है. इसलिए बिहार के विकास की रफ्तार लगातार दहाई अंकों में रही. कांग्रेस जब 15 महीने में एक पूर्णकालिक अध्यक्ष नहीं चुन पायी, तब विकास के नीतिगत फैसले क्या कर पाएगी?
सुशील मोदी ने ट्वीट किया, ‘कांग्रेस वर्चुअल संवाद में क्या यह बताएगी कि सोनिया गांधी ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से समझौता क्यों किया? क्या कांग्रेस ने चीनी सामान का आयात आसान कर स्वदेशी उद्योगों की कमर तोड़ने और बेरोजगारी बढ़ाने का गुनाह चीन के कहने पर किया था? कांग्रेस ने बिहार में अकेले 45 साल और लालू प्रसाद की अंगुली पकड़ कर 10 साल राज किया, लेकिन आर्थिक विकास के किसी पैमाने पर कोई ऐसी उपलब्धि नहीं, जिसे वह जनता को बता सके.’
वहीं, बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के पूर्व विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बेरोजगारी के मुद्दे पर घेरा.
तेजस्वी ने मुख्यमंत्री से अपील करते हुए कहा कि आप दलगत राजनीति से ऊपर उठकर बिना डरे बेरोजगारी, पलायन और रोजगार सृजन जैसे प्रासंगिक मुद्दे पर ईमानदारी से बोलें.
जारी बयान में तेजस्वी ने कहा कि बिहार में बेरोजगारी दर सबसे अधिक है. बेरोजगारी का अर्थ है कि बिहार का हर दूसरा युवा बेरोजगार है. 18 से 35 वर्ष की आयु सीमा में बेरोजगारी दर इससे भी अधिक है. जिन्होंने परीक्षा दी वो नतीजों के लिए और जिनके नतीजे आ गए वो बहाली के लिए सड़कों पर आवाज उठा रहे हैं.