चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा के खिलाफ 7 दलों ओर से दिए गए महाभियोग के प्रस्ताव को राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने सोमवार को सिरे से खारिज कर दिया है। महाभियोग प्रस्ताव खारिज किए जाने के बाद कांग्रेस पार्टी ने राज्यसभा चेयरमैन के इस फैसले को गलत बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का फैसला लिया है। 
राज्यसभा सभापति के फैसले को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने पूरी तरह से गलत और गैरकानूनी बताया है। उन्होंने कहा कि सभापति ने बिना जांच के ही प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और ऐसा देश के इतिहास में पहली बार हुआ है।
कपिल सिब्बल ने कहा कि इस मामले की पहले जांच होनी चाहिए थी, उसके बाद ही कोई फैसला लिया जाना चाहिए था। लेकिन सभापति ने सबकुछ जल्दबाजी में किया और फैसला सुना दिया है। उन्होंने आगे कहा कि चेयरमैन को सिर्फ ये देखना था कि प्रस्ताव पर हस्ताक्षर हैं या नहीं, इसके बाद का काम जांच कमेटी को करना होता है जिसका काम ये बताना है कि आरोप सही हैं या नहीं। अगर आरोप सही पाए जाते हैं तो फिर यह सदन में पेश किया जाता है। उन्होंने कहा कि सभापति को जो भी सलाह दी गई है वह गलत थी।
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