शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस ने साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार तो बना ली लेकिन शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से कोई नहीं था.

यही नहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी शपथ ग्रहण समारोह से दूरी बनाए रखी. वहीं, कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार के शपथ ग्रहण में विपक्षी दलों के कई दिग्गज एक मंच पर दिखे थे.
कांग्रेस के मन में शिवसेना को लेकर एक दूरी है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनने के लिए शुभकामना पत्र तो भेजा लेकिन शपथ ग्रहण समारोह में तीनों शामिल नहीं हुए.
उम्मीद जताई जा रही थी कि इस बार फिर विपक्ष की एकता उद्धव के शपथ ग्रहण समारोह के मंच पर देखने को मिल सकती है. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. शपथग्रहण का न्योता अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी को भी भेजा गया था. लेकिन दोनों ही नेताओं ने झटका दे दिया.
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