राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के खिलाफ हमलावर कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में उसके खिलाफ बड़ा कदम उठाने का वादा किया है. कांग्रेस के कल जारी अपने घोषणापत्र में कहा है कि अगर वह सत्ता में आई तो सरकारी परिसरों में आरएसएस की शाखा लगाए जाने पर प्रतिबंध लगाएगी. घोषणापत्र में लिखा गया है, ”शासकीय परिसरों में आरएसएस की शाखायें लगाने पर प्रतिबंध लगायेंगे. शासकीय अधिकारी और कर्मचारियों को शाखाओं में छूट संबंधी आदेश निरस्त करेंगे.”
आपको बता दें कि आरएसएस और कांग्रेस के बीच वैचारिक मतभेद रहा है. कांग्रेस संघ पर समाज को बांटने तो संघ कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाती रही है. आठ नवंबर को ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कहा था कि आरएसएस से जुड़े लोगों से लेकर मंत्री और बीजेपी के नेता विभाजनकारी मुद्दों पर बातें कर रहे हैं और लिख रहे हैं.
पूर्व मंत्री ने कहा, “जब उन्होंने साढ़े चार पहले चुनाव लड़े थे, तब उन्होंने विकास, नौकरी और ग्रोथ की बात की थी. वे इन तीनों में पूरी तरह से विफल रहे हैं. वे ना तो विकास, नौकरी और ना ही ग्रोथ को हासिल कर पाए हैं. वे अब अपने पुराने एजेंडे हिंदुत्व की ओर लौट चुके हैं. ऐसे में अब वे हिंदुत्व, विशाल मंदिर, भव्य मूर्तियों की बातें कर रहे हैं.”
आरएसएस के खिलाफ टिप्पणी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ भी महाराष्ट्र की एक अदालत में केस चल रहा है. उन्होंने दावा किया था कि आरएसएस से जुड़े नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या की थी. जिसके बाद उनके खिलाफ केस दर्ज करवाया गया था.
कांग्रेस के बड़े वायदे
कांग्रेस ने शनिवार को जारी घोषणा पत्र में प्रदेश के बहुचर्चित व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) की परीक्षाओं में पिछले 10 सालों में शामिल हुए लाखों उम्मीदवारों का शुल्क वापस लौटाने और सूबे में भर्ती घोटाले के लिए कुख्यात ‘व्यापमं’ को बंद करने का वादा किया है.
आने वाले विधानसभा चुनाव के लिये कांग्रेस का घोषणा पत्र ‘वचन पत्र’ के नाम से जारी करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा, ‘‘प्रदेश में सत्ता में आने पर कांग्रेस व्यापमं को बंद कर उसके स्थान पर राज्य कर्मचारी चयन आयोग का गठन करेगी .’’
मालूम हो कि मध्यप्रदेश में सरकारी पदों सहित चिकित्सा और तकनीकी शिक्षा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिये मध्यप्रदेश व्यवसायिक परीक्षा मंडल द्वारा परीक्षा ली जाती है . इस मंडल को इसके लघु हिन्दी नाम व्यापमं से जाना जाता है. व्यापमं में बहुचर्चित प्रवेश घोटाला होने के बाद इसका नाम बदलकर अब एमपी प्रोफेशनल एक्जामिशन बोर्ड कर दिया गया है. छह साल पहले सामने आये व्यापमं घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है.
कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में ट्रांसजेंडर बोर्ड के गठन की भी घोषणा की है. इसके साथ ही वचन पत्र में 12वीं बोर्ड की परीक्षा में 70 प्रतिशत अंक पाने वाले विद्यार्थियों को लैपटाप देने तथा कॉलेज जाने वाली कन्याओं को दो पहिया वाहन रियायती ब्याज पर दिलाने का वादा किया गया है.
कांग्रेस ने गरीबों को आवास उपलब्ध कराने के लिये कानून बनाने और उन्हें 35 किलो गेहूं और चावल एक रुपये किलोग्राम की दर पर देने का भी वादा किया है. कांग्रेस ने प्रदेश में विधान परिषद के गठन का वादा किया है.
इस दौरान प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्वियज सिंह और नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह सहित अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे.