व्हाट्सएप सहित तमाम सोशल मीडिया चैनलों पर इन दिनों 500 रुपये के नोट को लेकर एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है। यह संदेश 500 रुपये के नोट के नकली या असली होने से जुड़ा है। इस पोस्ट में आपके 500 रुपये के दो नोट की तस्वीरें हैं। इस मैसेज में कहा जा रहा है कि 500 रुपये के उस नोट को एक्सेप्ट मत कीजिए जिसमें हरे रंग की पट्टी महात्मा गांधी की फोटो के नजदीक है। पोस्ट के मुताबिक यह नोट नकली है। इस मैसेज में कहा गया है कि ऐसे नोट को ही स्वीकार कीजिए जो गवर्नर के हस्ताक्षर के करीब है यानी कि नोट के बीच में है।
इसके बाद पीआईबी की फैक्ट चेकिंग टीम ने इस पोस्ट की हकीकत खंगाली। इसमें पाया गया कि दोनों नोट असली हैं और दोनों स्वीकार्य करेंसी हैं।
PIB India ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से इस झूठ का पर्दाफाश करते हुए एक पोस्ट किया है। पीआईबी ने ट्वीट में लिखा है कि व्हाट्सएप पर एक टिकटॉक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि जिस नोट में हरे रंग की पट्टी गांधी जी की फोटो के नजदीक है, वह फेक है। पीआईबी ने साथ ही स्पष्ट किया है कि ये दोनों नोट स्वीकार्य हैं। Press Information Bureau का निष्कर्ष है कि यह फेक न्यूज है।
उल्लेखनीय है कि पीआईबी ने सरकार और उसकी नीतियों को लेकर सोशल मीडिया पर चलने वाली फेक न्यूज को चिह्नित करने के लिए एक फैक्ट चेक यूनिट बनाई है। इस यूनिट में पीआईबी के कर्मचारी हैं। साथ ही बाहर से भी संविदा पर कर्मचारियों की नियुक्ति हुई है। यह टीम WhatsApp, Twitter, Facebook जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाले पोस्ट को मॉनिटर करती है।
‘लाइवमिंट’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर आपको व्हाट्सएप पर फॉरवर्ड हो रहे किसी मैसेज, ट्वीट या फेसबुक पोस्ट की सत्यता पर संदेह है तो आप उसे पीआईबी को भेज सकते हैं। इसके लिए आपको संबंधित पोस्ट का स्क्रीनशॉट pibfactcheck@gmail.com पर ईमेल करना होगा। हालांकि, खबर के सरकार के मंत्रालयों या विभागों से संबंधित होने के बाद ही तथ्यों की जांच पीआईबी टीम की ओर से की जाएगी।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने RBI आंकड़ों के हवाले से रिपोर्ट किया है कि वित्त वर्ष 2018-19 में 500 रुपये के नकली नोटों की संख्या में उससे पिछले साल के मुकाबले 121 फीसद का उछाल आया।