अनिल अंबानी ने टेलीकॉम कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था। अब रिलायंस कम्युनिकेशंस के कर्जदाताओं ने कंपनी से अनिल अंबानी तथा चार अन्य के इस्तीफे को नामंजूर कर दिया है। कर्जदाताओं ने अंबानी को दिवाला एवं ऋणशोधन प्रक्रिया में सहयोग करने को कहा है।
बीएसई में दी गई फाइलिंग में आरकॉम ने कहा था कि उसके कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) की बैठक 20 नवंबर को हुई थी। इसमें कहा गया, ‘समिति ने सर्वसम्मति से कहा कि इस्तीफों को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।’
कंपनी द्वारा जारी तिमाही नतीजों के अनुसार कंपनी को 30 हजार करोड़ से अधिक का घाटा हुआ था, जो कॉर्पोरेट इतिहास में वोडाफोन-आइडिया के बाद दूसरा सबसे बड़ा घाटा है। इसके बाद ही कंपनी ने बयान जारी करते हुए कहा था कि अनिल अंबानी के अलावा छाया विरानी, रायना कारानी, मंजरी काकेर और सुरेश रंगाचर ने इस्तीफा दे दिया है। इनमें से अनिल अंबानी, छाया विरानी और मंजरी काकेर ने 15 नवंबर को इस्तीफा दिया। वहीं रायना कारानी ने 14 नवंबर और सुरेश रंगाचर ने 13 नवंबर को इस्तीफा दिया था।
मौजूदा समय में रिलायंस कम्युनिकेशंस दिवालिया कानून की प्रक्रिया से गुजर रही है। 2008 में अनिल अंबानी के पास 42 अरब डॉलर की संपत्ति थी, जो 11 साल बाद यानी 2019 में घटकर 5230 मिलियन डॉलर यानी करीब 3651 करोड़ रुपये हो गई है। बता दें कि इस संपत्ति में गिरवी वाले शेयर की कीमतें भी शामिल हैं।