करवा चौथ एक ऐसा फेस्टिवल है, जिसका इंतजार लगभग सभी शादीशुदा महिलाओं को होता है. इस दिन सुहागनें अपने पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं. हिंदू मान्यता के अनुसार करवा चौथ महज एक व्रत नहीं है, यह पति-पत्नी के रिश्ते का जश्न है.
उसकी मर्यादा और स्नेह के अनोखे संतुलन का एक खूबसूरत त्यौहार है. अब आप सोच रहे होंगे कि साल 2019 में करवाचौथ कि दिन है. तो हम आपको बता चुके हैं कि इस साल करवाचौथ अक्टूबर महीने में पड़ेगा. 17 अक्टूबर, 2019 के दिन करवाचौथ (When is Karwa Chauth 2019) होगा. इस दिन वीरवार है.
करवाचौथ शरद नवरात्र 2019 के बाद आएगा. इससे पहले दुर्गा जयंती भी मनाई जाएगी. करवाचौथ के बाद धनतेरस, दिवाली , नरक चतुर्दशी, गोवर्धन पूजा और भाई दूज मनाया जाएगा.
अक्टूबर महीने में पड़ने वाले त्योहारों के बारे में – दो अक्टूबर को गांधी जयंती के बाद दुर्गा महानवमी 2019, रविवार 6 अक्टूबर को है. इसके बाद शरद नवरात्रि 2019 7 अक्टूबर से . इस साल दशहरा 8 अक्टूबर को मंगलवार के दिन है. इसके बाद 17 अक्टूबर को करवाचौथ का व्रत.
करवा चौथ की तैयारियां कई दिन पहले से होती हैं
पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाई जाने वाले करवा चौथ की तैयारियां महिलाएं कुछ दिन पहले से ही शुरू कर देती हैं. इस दिन पहने जाने वाले कपड़े पहले ही सलेक्ट कर लिए जाते हैं, अक्सर महिलाएं लाल और पिंक रंग पहनना ही पसंद करती हैं.
उसके साथ के लिए वह नए गहनें खरीदती हैं और मेहंदी लगाती हैं. बाजार में करवा चौथ से एक दिन पहले मेहंदी लगाने वाले एक हाथ के 1000 रुपये तक लेते हैं, बाकी मेंहदी के रेट उसके डिज़ाइन और हाथों के एरिया पर भी निर्भर करता है.
करवा चौथ व्रत विधि
अगर आपने ‘कभी खुशी, कभी गम’ फिल्म देखी है, तो आप सरगी के बारे में बखूबी जानते होंगे. यह परंपरा पंजाबियों में ज्यादा मनाई जाती है, यह एक तरह की खाने की थाली होती है, जो कि सास अपनी बहू के लिए लेकर आती है.
इसमें वह खाना होता है, जो सुबह जल्दी उठ के सूर्य निकलने से पहले खाया जाता है. इसमें नट्स, सेवईं की खीर और मठरी होती है. सूरज निकलने से पहले यह सब अच्छे से खाकर, खूब सारा पानी पीया जाता है, क्योंकि इसके बाद चांद निकलने तक कुछ नहीं खाया जा सकता.
करवाचौथ की पूजा के दौरान करवाचौथ की कथा कही जाती है.
वेट मैनेजमेंट एक्सपर्ट, गार्दी शर्मा ने करवा चौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं के लिए कुछ सरगी टिप्स शेयर किए. आइए जानें-
- अपनी सरगी में केला, पपीता, अनार, बेरिज़, सेब आदि फलों को शामिल करना न भूलें.
- सुबह के समय फ्राईड और ऑयली खाना जैसे परांठे और पकौड़े आदि से परहेज करना चाहिए, क्योंकि यह खाना हैवी होता है, जिसकी वजह से आपको चक्कर आ सकते हैं. सब्जियों और पनीर के साथ मल्टीग्रेन चपाती आदि खाई जा सकती है.
- चाय और कॉफी लेने से परहेज करें, क्योंकि इससे डी-हाइड्रेशन हो सकता है. इसकी जगह आप एक ग्लास फ्रूट जूस, दूध, छाछ और एक कप ग्रीन टी पी सकते हैं.
- मिठाई या मीठा न खाएं. इसकी जगह खजूर, अंजीर और खूबानी आदि खाई जा सकती हैं.
- अखरोट, बादाम और पिस्ता आदि खाए जा सकते हैं.
करवा चौथ पूजा विधि
व्रत के दिन टाइम धीरे-धीरे निकलता है, लेकिन आपको भूख या प्यास महसूस होने से पहले शाम हो जाती है. इस टाइम लेडीज़ अच्छे से तैयार होकर पूजा करने के लिए इकट्ठी होती हैं. कथा तेज़ आवाज़ में पढ़ी जाती है. साथ ही, मिठाई, एक ग्लास पानी, दीया (दीपक) और पूजा का दूसरा सामान थाली में रखा जाता है, जो कथा के टाइम सर्कल में घूमती है. इसके बाद चांद निकलने का इंतजार किया जाता है.
कैसे खोलें करवाचौथ का व्रत
हर कोई अलग-अलग तरीके से व्रत तोड़ता है. कोई बिल्कुल पारंपरिक तरीके से छलनी में से अपने पति को देखता है और व्रत तोड़ने के लिए अपने पति के हाथों से पानी की एक घूंट पीती है. आज के समय में, पति अपनी पत्नियों के लिए भी व्रत रखते हैं. इसके बाद एक साथ खाना एंजॉय करते हैं.
करवाचौथ का व्रत पति के हाथों जल ग्रहण कर खोला जाता है.
पूरा दिन व्रत रखने के बाद जरूरी है कि आप ध्यान रखें कि व्रत कैसे तोड़ें
- व्रत खोलने की शुरूआत एक ग्लास पानी से करें और इसके बाद थोड़े से नट्स खाएं. दो बादाम, एक या दो अखरोट और थोड़े सूरजमुखी के बीज खाएं.
- पेट में असिडिटी का स्तर उच्च होता है, इसलिए चाय और कॉफी से परहेज करें.
- ऑयली, तीखा और तले हुए खाने से परहेज करें. हल्का और आसानी से पच जाने वाला खाना खाएं, जैसे- इडली, डोसा, सांभर के साथ उत्तपम, सब्जियां, दलिया, ओट्स मील, सब्जी या पनीर भूर्जी के साथ चपाती, दाल के साथ उबले हुए चावल या पुलाव आदि.
- थोड़ा दही खाएं.
- मुंह मीठा करने के लिए दो-तीन खजूर खाए जा सकते हैं, डार्क चॉकलेट का एक छोटा पीस और घर में बनी कुल्फी के साथ अपने मील को खत्म किया जा सकता है.