कुरुक्षेत्र के पूर्व सांसद राजकुमार सैनी ने कहा कि वह इंद्री विधानसभा से ही चुनाव लड़ने को तैयार हैं। वह मंगलवार को करनाल पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि उन्हें हमेशा अपनी पारंपरिक सीट से बाहर जाकर चुनाव लड़ना पड़ा है। ब्लॉक समिति का चुनाव हो, सरपंच बनना हो या जिला परिषद का चुनाव हर बार उन्हें दूसरे क्षेत्रों से चुनाव लड़ना पड़ा। विधायक बनने दौरान उनका हलका रिजर्व था। उन्हें किसी और क्षेत्र से चुनाव लड़ना पड़ा। उल्लेखनीय है कि सैनी ने पिछला विधानसभा चुनाव गोहाना से लड़ा था और इस बार इंद्री से लड़ने का फैसला किया है।
उन्होंने बताया कि हरियाणा में माइनोरिटी का हिस्सा 11.23 प्रतिशत है, लेकिन जिन लोगों के हाथ में शासन रहा है, उन्होंने नौकरियों में भेदभाव किया है और कमजोर तबके को ऊपर उठने नहीं दिया है। इस कमजोर तबके की आवाज उठाने वाला कोई नहीं था और उन्हें 3 बार बड़ी-बड़ी पार्टियों से टिकट लेकर सत्ता छोड़नी पड़ी। भाजपा में सांसद पद छोड़ने के बाद उन्होंने देखा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले, जो पिछड़ा वर्ग के पक्ष में थे, लागू होते नहीं दिखाई दिए। सैनी ने कहा कि नेताओं ने जनता को बहकाने का काम किया है। किसी ने 2 लाख नौकरियां देने का वायदा किया तो किसी ने महंगाई और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की बात की।