कठुआ गैंग रेप मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है. दिल्ली की फॉरेंसिक लैब (FSL) ने तमाम सबूतों की जांच की है और उनको सच माना है.
एफएसएल की रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की गई है कि मंदिर में मिले खून के धब्बे पीड़िता के ही हैं. इससे इस बात की लगभग पुष्टि हो जाती है कि आठ साल की बच्ची से मंदिर के अंदर ही बलात्कार किया गया.
दिल्ली FSL ने अपनी रिपोर्ट अप्रैल के पहले हफ्ते में ही दी है. यही नहीं, मंदिर से मिले बाल की लड़ियों की जांच करने पर पता चला कि उसकी डीएनए प्रोफाइल एक आरोपी शुभम सांगरा से मिलती है.
इस रिपोर्ट में इस बात की भी पुष्टि हुई है कि पीड़िता के कपड़ों पर मिले खून के धब्बे उसके डीएनए प्रोफाइल से मैच करते हैं. इसके साथ ही, दिल्ली एफएसएल ने पीड़िता के यौनांग में भी खून पाए जाने की बात पुष्ट की है.
गौरतलब है कि कठुआ मामले की जांच कर रही जम्मू-कश्मीर पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) को जांच में अड़चन का का सामना करना पड़ रहा था क्योंकि उसे जो सबूत मिले थे, वह आरोपियों को दोषी साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं थे. आरोपियों ने कथित तौर से कुछ स्थानीय पुलिस कर्मियों के साथ मिलकर पीड़िता के कपड़े धुले थे ताकि सबूत को नष्ट किया जा सके.
राज्य का फॉरेंसिक लैब भी कपड़ों पर खून के धब्बे तलाशने में विफल रहा था. इसकी वजह से एसआईटी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं कर पा रही थी.
राज्य के डीजीपी ने गृह मंत्रालय से मदद मांगी थी कि सबूतों की जांच दिल्ली फॉरेसिंक लैब द्वारा की जाए. मार्च में ही पीड़िता के कपड़े, मल और अन्य कई सबूतों को जांच के लिए दिल्ली फॉरेंसिक लैब भेजा गया. पीड़िता के साथ ही आरोपी पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया, शुभम सांगरा और परवेश के भी ब्लड सेम्पल भेजे गए थे.
आपको बता दें कि कठुआ गैंगरेप की घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था. दोषियों को कड़ी सजा देने के लिए लोग देशभर में प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रेप की इन घटनाओं पर गुस्सा जताया था और न्याय मिलने की बात कही थी.