स्विटजरलैंड की स्थानीय अदालत ने सेक्स के दौरान चुपके से कॉन्डम हटाने के एक अनोखे मामले में आरोपी शख्स को रेप के आरोप से बरी कर दिया है। स्विस कोर्ट ने इस शख्स पर रेप का आरोप बदलकर यौन उत्पीड़न कर दिया है।
सेक्स के दौरान अपने पार्टनर की बिना रजामंदी के कॉन्डम हटाने को स्टील्थिंग कहा जाता है। अदालत स्टील्थिंग को रेप मानेगी या नहीं, इस पर सबकी नजरें टिकी हुईं थीं। स्विटजरलैंड की अपील कोर्ट ने मामले में इस शख्स की 12 महीने की सस्पेंडेड सेंटंस की सजा बनाए रखी है लेकिन रेप का आरोप बदलकर यौन उत्पीड़न का कर दिया है। सस्पेंडेड सेंटंस का मतलब है कि शख्स को तुरंत तो जेल नहीं जाना होगा लेकिन अगले 12 महीने वह निगरानी में रहेगा और अगर इस दौरान उसने कोई और अपराध किया तो उसे 12 महीने जेल में बिताने होंगे। यह मामला आगे आने वाले मामलों के लिए एक उदाहरण बन सकता था।
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स्विस ब्रॉडकास्टर के मुताबिक, यह शख्स पीड़िता से टिंडर डेटिंग प्लैटफॉर्म पर मिला था और महिला के घर पर दोनों ने सेक्स के लिए हामी भरी। सेक्स के दौरान पुरुष ने अपनी पार्टनर से कॉन्डम हटाने का अनुरोध किया लेकिन महिला ने इससे इनकार कर दिया लेकिन बाद में उसे पता चला कि उसके पार्टनर ने चुपके से कॉन्डम हटा दिया था। स्विटजरलैंड के लोज़ैन की क्रिमिनल कोर्ट ने पार्टनर को बताए बिना कॉन्डम हटाने को रेप करने जैसा माना था।
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