केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ताजा रिपोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में ग्राउंड-लेवल ओजोन प्रदूषण के खतरनाक स्तर को उजागर किया है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने इस पर गहरी चिंता जताते हुए त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
सीपीसीबी की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर के 57 में से 25 निगरानी स्टेशनों पर आठ घंटे की सीमा से अधिक समय तक ओजोन प्रदूषण रहा, जबकि मुंबई के 45 में से 22 स्टेशनों पर भी यही स्थिति देखी गई। रिपोर्ट में बताया गया कि वाहनों, बिजलीघरों और औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले नाइट्रोजन ऑक्साइड (एनओएक्स), वाष्पशील कार्बनिक यौगिक (वीओसी) और कार्बन मोनोऑक्साइड (सीओ) सूरज की रोशनी में रासायनिक प्रतिक्रिया से ओजोन बनाते हैं। यह गैस सांस की बीमारियों, विशेष रूप से अस्थमा और दमा को बढ़ावा देती है, साथ ही फसलों को नुकसान पहुंचाकर खाद्य सुरक्षा को खतरे में डालती है।
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