कुर्द लड़ाकों के नेतृत्व वाली सीरियाई डेमोक्रेटिक फोसेर्ज (एसडीएफ) ने गुरुवार को कहा कि तुर्की के लड़ाकू विमानों ने उत्तरी सीरिया में एक जेल को निशाना बनाकर हमले किए जिसमें इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों को रखा जाता है।
तुर्की ने बुधवार (9 अक्टूबर) को उत्तरी सीरिया में कुर्द लड़ाकों के नेतृत्व वाली सेना और इस्लामिक स्टेट के खिलाफ हमले कर अपने अभियान की शुरुआत कर दी है। तुर्की का कहना है कि वह अपनी सीमा के नजदीक सुरक्षित क्षेत्र बनाने के लिए यह हमले कर रहा है।
एसडीएफ के समन्वय एवं सैन्य अभियान केन्द्र ने ट्विटर पर लिखा, “तुर्की के लड़ाकू विमानों की ओर से किए गए हमले में एक जेल को नुकसान हुआ है जिसमें इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों को रखा जाता है।” इससे पहले एसडीएफ की प्रेस सेवा ने कहा कि तुर्की ने सीमा के नजदीक रिहायशी इलाकों को निशाना बनाकर हमले किए जिसमें तीन कुर्द लड़ाके और पांच नागरिकों की मौत हो गई।
सीरियाई कुर्दों के खिलाफ तुर्की का अभियान शुरू : एर्दोआन
तुर्की ने उत्तरी सीरिया में कुर्दिश ठिकानों पर बुधवार (9 अक्टूबर) को हवाई हमला कर दिया। सीमा के पास धमाकों की आवाजें सुनाई दी हैं। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने ट्विटर पर कहा कि हमला शुरू हो गया है और उन्होंने इसे ‘ऑपरेशन पीस स्प्रिंग बताया। इसके कुछ क्षण बाद ही, एएफपी के संवाददाता ने बताया कि आर अल-ऐन सरहद इलाके के ऊपर सफेद धुआं छा गया और लड़ाकू विमान ऊपर मंडारते हुए दिखाई दिए।
राष्ट्रपति ने लिखा है कि हमारा मिशन हमारी दक्षिणी सीमा पर एक आतंकी गलियारे के निर्माण को रोकना और क्षेत्र में शांति लाना है। उन्होंने कहा कि हमले में कुर्दिश लड़ाकों और इस्लामिक स्टेट समूह को निशाना बनाया जाएगा। ब्रिटेन की युद्ध निगरानी संस्था सीरियाई ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा है कि तुर्की के हवाई हमले रास अल ऐन इलाके में हुए हैं। तुर्की की एनडोलू समाचार एजेंसी ने खबर दी है कि तल आबिद शहर पर कुर्दिश लड़ाकों के ठिकानों पर गोलाबारी की गई है।
सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस के समन्वय और सैन्य संचालन केंद्र ने सूचना दी है कि रास अल ऐन इलाके के एक गांव में तुर्की के हवाई हमले में दो आम लोगों की मौत हुई है और दो अन्य जख्मी हुए हैं। एसडीएफ ने बताया है कि रास अल-ऐन, तल आबिद, क़मिशली और ऐन इस्सा के क्षेत्रों में “सैन्य ठिकानों पर और गांवों पर तुर्की विमानों ने भारी बमबारी” की है।
इसने यह भी बताया है कि हमले के शुरुआती चरण में तुर्की के 25 लड़ाकू विमान शामिल हैं और कुछ 16 ठिकानों को निशाना बनाया गया है। वहीं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रमुख जेरी मैथ्यूज मैटजिला ने तुर्की से सीरिया में आम लोगों की रक्षा करने तथा अपने सैन्य अभियान के दौरान अधिकतम सयंम बरतने की अपील की।
इस बीच, ब्रेसल्स में यूरोपीय संघ के अध्यक्ष जीन-क्लाउड जुंकर ने तुर्की से कुर्दिश लड़ाकों के खिलाफ अपना अभियान बंद करने की मांग की और कहा कि अंकारा जो सुरक्षित जोन बनाना चाहता है उसके लिए यूरोपीय संघ आर्थिक मदद नहीं करेगा। जंकर ने यूरोपीय संसद से कहा कि वह मानते हैं कि सीमा पर तुर्की की सुरक्षा चिंताएं हैं। मगर उन्होंने चेताया कि सैन्य कार्रवाई से अच्छे नतीजे नहीं मिलेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि सीरियाई संघर्ष को खत्म करने के लिए राजनीतिक समाधान ही एकमात्र तरीका हैं। सीरिया के कुर्दों ने बुधवार को आम लोगों से हमले के खिलाफ बचाव की अपील की थी जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ज़ोर देकर कहा कि उसने अपने कुर्दिश सहयोगियों को छोड़ा नहीं है जो आईएस के खिलाफ लड़ाई में उसके अहम सहयोगी रहे है।
सप्ताहांत में तुर्की-सीरिया सीमा पर से अमेरिकी बलों को हटाने के राष्ट्रपति ट्रंप के आदेश को कुर्दिशों पर हमले के लिए हरी झंडी के तौर पर देखा जा रहा है। वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फोन पर एर्दोआन से कोई भी हमला करने से पहले अच्छी तरह से सोचने को कहा था। लेकिन तुर्की ने कहा कि तुर्की के अंदर कुर्द विद्रोहियों के साथ कुर्दिशों के संबंधों के कारण कुर्दिशों के नेतृत्व वाली सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस (एसडीएफ) की शक्ति पर अंकुश लगाने के लिए हमला जरूरी है।
इसके अलावा, तुर्की, सीरिया सीमा के तरफ एक ‘सुरक्षित जोन बनाना चाहता है जहां वह 36 लाख शराणार्थियों में से कुछ को भेज सके। कुर्द युद्ध के लिए तैयार हो गए हैं क्योंकि तुर्की ने रात भर सीमा क्षेत्र में सैनिकों और वाहनों का एक बड़ा काफिला भेजा है। उत्तरी सीरिया में कुर्दिश अधिकारियों ने सभी आम लोगों से तुर्की से लगती सीमा की ओर आने की गुजारिश की है। उन्होंने कहा कि वे किसी भी ‘मानवीय संकट’ के लिए अपने पूर्व सहयोगी अमेरिका और पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को जिम्मेदार ठहराएंगे।
कुर्दों का कहना है कि अंकारा का असली लक्ष्य उत्तर-पूर्व में उनकी बहुसंख्यक आबादी को कम करना है, जिसमें वह देश के अन्य हिस्सों से आए ज्यादातर सुन्नी अरब शरणार्थियों को बसाना चाहता है जो इस समय दक्षिण-पश्चिमी तुर्की में रह रहे हैं। एएफपी के एक संवाददाता ने रिपोर्ट दी है कि रास अल ऐन में, कुर्दिश सुरक्षा बलों ने नई जांच चौकियां बनाई हैं और टायरों का जमावड़ा लगाया है, ताकि तुर्की सेना के पायलटों को भ्रमित किया जा सके। रास अल ऐन उन इलाकों में शामिल है जहां से सोमवार को अमेरिका ने अपने सैनिकों को हटा लिया था।
कुर्दिश अधिकारियों ने प्रर्शनकारियों से बुधवार को सीमा पर जमा होने और टैंटों पर झंडा फहराने की अपील की थी। फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों के एक सहयोगी ने बुधवार को एएफपी को बताया कि राष्ट्रपति तुर्की की हमले की योजना से बहुत फिक्रमंद हैं। कुर्दों ने बुधवार को रूस से मांग की कि वह सीरियाई हुकूमत के साथ उनकी बातचीत कराए। उन्होंने चेताया कि अगर तुर्की ने हमला किया तो इससे आईएस के फिर से पनपने का अंदेशा है।